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गोद में बेटे का शव, आंखों में आंसू, हाफंता रहा पिता

UP News: गोद में बेटे का शव, आंखों में आंसू, हाफंता रहा पिता, स्वास्थय विभाग ने खड़े किए हाथ

बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की दुहाई तो बहुत दी जाती है, पर अक्सर ऐसे मामले सामने आ जाते हैं, कि इन दावों पर अपने आप सवालिया निशान लग जाते हैं। चित्रकूट दर्शन को आया एक पिता अपने मृत बच्चे के शव को हाथों में लेकर हांफते हुए पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा तो एक बार फिर आम आदमी की विवशता कराह उठी और सरकार के तरफ से किये गए बेहतरी के दावे खोखले साबित हो गए. परिवार के सदस्यों के साथ तीर्थयात्रा करने गया परिवार रास्ते में हाईवे के किनारे नृत्य क्रिया के लिए रुका, तभी 7 वर्षीय बालक आया बोलेरो की चपेट में, बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई।

बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर यूपी हमेशा अपनी तारीफों के पुल बांधता है लेकिन कुछ ऐसे मामले सामने आते है, जो इम दावों पर अपने आप सावालिया निशान खड़े कर देते हैं। बता दें कि चित्रकुट दर्शन को आया एक पिता अपने मृत बच्चे के सव को हाथों में लेकर हांफते हुए पोस्टमार्टम हाउस पहुंंचा तो एक बार फिर आम आदमी की विवशता कराह उठी और सरकार के तरफ से किये गए बेहतरी के दावे खोखले साबित हो गए।

जानें क्या है पूरा मामला

बता दें कि यूपी के चित्रकूट का एक वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियों में अपने मृत बच्चे का शव को हाथों में लेकर एक पिता पोस्टमार्टम हाउस ले जा रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

दरअसल, उन्नाव जनपद के रहने वाले अमृतलाल परिवार के साथ तीर्थयात्रा पर गए थे। यहां एक हादसे में उनके बेटे की मौत हो गई। जिसके बाद अमृतलाल बेटे का शव गोद में लेकर पोस्टमार्टम हाउस तक पहुंचे। अमृतपाल ने बताया की बेटे के सड़क पार करने के दौरान वाहन ने उसे टक्कर मार दी थी। जिसके बाद उसकी मौत हुई थी। इसके बाद 112 नंबर को फोन किया गया। इस पर 108 नंबर एंबुलेंस वहां पहुंची। अमृतपाल के अनुसार, एंबुलेंस रामनगर सीएचसी से शव को जिला अस्पताल तक लाई और वहां शव उतारकर आगे ले जाने से मना कर दिया। इस पर वे लोग शव को निजी बस में रखकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे । निजी बस से पुरानी कोतवाली के पास चौराहे पर बच्चे केशव को उतारकर पिता अमृतलाल लगभग सौ कदनम की दूरी तक शव को हाथों में लेकर हांफते हुए पोस्टमार्टम हाउस पहुंचें तो लोग हतप्रभ रह गए। जिला अस्पताल और एंबुलेंस सुविधाओं के दावे एक बार फिर खोखला साबित हो गए।

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