उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक एक बाद एक बाघों की मौत पर कड़ा रुख अपनाया है। बता दें कि ये मौते पिछले 10 दिनों में हुई हैं। सीएम ने वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना और अपर मुख्य सचिव, वन मनोज कुमार सिंह को तत्काल दुधवा नेशनल पार्क जाकर जांच करने और विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। वन मंत्री समेत सभी आधिकारी शुक्रवार की शाम को ही दुधवा रवाना हो गए हैं।
बता दें कि दुधवा में पहले एक बाघ मरा। स्थानीय अधिकारियों का पक्ष है कि यह बाघ आपसी संघर्ष में घायल होने के कारण जिंदगी की जंग हारा। बाग के सभी अंग बरामद हुए है, इसलिए यह अवैध शिकार का मामला नहीं बनता है। दूसरी मरी बाघिन की मौत का कारण डिहाइड्रेशन को बताया, जबकि तीसरे मरे बाघ के बारे में बताया कि उसकी उम्र 8 साल से ज्यादा की थी। वह भी आपसी संघर्ष में मरा। लेकिन, वन्यजीवों से विशेष लगाव रखने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच समिति गठित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। वन मंत्री और अपर मुख्य सचिव के अलावा वन विभागाध्यक्ष ममता लंजीव दुबे और प्रोजेक्ट टाअगर के प्रबारी सुनील चौधरी भी सुक्रवार शाम को ही मौके पर रवाना हो गए। वन मंत्री की अध्यक्षता में यह टीम मौके पर जाकर जांच करेगी।
वहीं अधिकारियों ने कहा कि हो सकता है कि युवा बाघ ने कोई नुकीली हड्डी खा ली हो, जिससे आंतरिक चोटें आई और उसका पेट फट जाने से उसकी मौत हो गई। 31 मई को दुधवा बपर जोन के उत्तरी निघायन रेंज में एक बार वर्षीय नर बाघ की मौत हो गई थी।लेकिन अधिकारियों ने कहा कि इसकी मौत आपसी कलह के कारण हुई। तीन जून को दुधवा बफर जोन के एक गांव में वन अधिकारियों और ग्रामीणों की आंखों के सामने दो साल की बाघिन की मौत हो गई।