लंबे सियासी घमासना के बाद आखिरकार कांग्रेस को अपना अध्यक्ष मिल गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारी मतों से चुनाव जीतकर कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में बाजी मार ली है। इसमें खास बात ये है कि पार्टी को 24 साल बाद गैर-गांधी और पूरे 51 साल बाद दलित अध्यक्ष मिला है ऐसे में खड़गे पर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दूसरों के मुताबिक अधिक है। जहां एक और दूसरे सियासी दलों ने पार्टी को नया अध्यक्ष मिलने की बधाई दी तो वहीं बसपा मुखिया मायावती ने इसको लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है।
अच्छे समय में दलितों का तिरस्कार किया
दरअसल मायावती ने अपने अपने ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा कि इतिहास गवाह है रहा है कि कांग्रेस ने हमेशा ही दलितों और उपेक्षितों का तिरस्कार किया है। मायावती ने आगे कहा कि कांग्रेस ने हमेशा परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनके समाज की उपेक्षा की है।
उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की यह पार्टी अपने अच्छे समय में दलितों को कभी याद नहीं करती। उनकी सुरक्षा और सम्मान को याद नहीं करती। बल्कि जब कठिन समय आता है तो वह दलितों को बलि के बकरे की तरह इस्तेमाल करती है।
क्या ये छलावे वाली राजनीति नहीं है
मायावती ने लिखा कि कांग्रेस का जब अच्छा समय था तब पार्टी ने लंबे दिनों समय तक ज्यादातर गैर-दलितों को सत्ता से बाहर रखा। लेकिन बुर दिन आते है तो दलितों को आगे रखना याद आ जाता है। बसपा मुखिया ने सवाल करते हुए कहा कि क्या यह छलावे वाली राजनीति नहीं है। वहीं जनता का सवाल है कि क्या कांग्रेस का दलितों के प्रति यही वास्तविक प्रेम है।
आपको बता दें 19 अक्टूबर को 80 वर्षीय मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए अध्यक्ष बने हैं। पार्टी अध्यक्ष पद के लिए खड़गे और शशि थरूर के बीच मुकाबला था। चुनाव में 9497 वोट पड़े थे। इस मुकाबले में खड़गे को 7897 वोट मिले तो वहीं शशि थरूर को 1072 वोट में संतुष्ट होना पड़ा।