69 हजार शिक्षक भर्ती मामला। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में एक गलत प्रश्न का एक नंबर न देने पर सख्त नाराजगी जाताई है। दरअसल कोर्ट ने एक गलत प्रश्न के बदले कैंडिडेट को एक नंबर देने का फैसला सुनाया था। लेकिन सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी इस आदेश के अनुपालन के लिए और समय मांग रहे थे। लेकिन कोर्ट ने और समय देने की मांग खारिज करते हुए 19 अप्रैल की तारीख तय कर दी है। जस्टिस पीयूष अग्रवाल ने अश्वनी कुमार त्रिपाठी और अन्य की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
कैंडिडेट्स ने आंसर-की को दी थी चुनौती
बता दें कि अभ्यार्थी अश्वनी कुमार त्रिपाठी और अन्य याचिकार्ताओं ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा जारी की गई आंसर-की को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था कि आंसर-की में एक प्रश्न का उत्तर गलत है, जबकि कैंडिडेट्स ने सही उत्तर दिया है। मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कैंडिडेट्स की दलील को सही पाया, जबकि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की दलीलों को गलत। जिसके बाद कोर्ट ने कैंडिडेट्स को एक-एक अंक देने का आदेश दिया था। लेकिन 25 अगस्त 2021 और 20 दिसंबर 2021 के इन आदेशों पर अमल नहीं किए गया। इसके बाद अभ्यर्थियों ने कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की। इसपर कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए एक अंक देकर अनुपालन रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया था।
सचिव के और समय देने की मांग नामंजूर
शनिवार को सचिव ने कोर्ट से आदेश के लिए 4 माह का समय मांगा। लेकिन इस पर कोर्ट ने और समय देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने सचिव की ओर से दाखिल याचीगण की ओर से पेश किए गए हलफनामे पर 10 दिन में रिपोर्ट मांगी है।