पिछले कई सालों से वेलेंटाइन डे को लेकर बहस हो रही है। वेलेंटाइन डे लगातार का विषय बना हुआ है। कुछ संगठनों का कहना है की ऐसे ‘स्पेशल डे’ इसलिए लाए गए है ताकि देश की युवा पीढ़ी पथ भ्रष्ट हो जाए और अपनी संस्कृति और मुल्यों को छोड़ दें। तो वहीं दुसरे संगठन इसे युवाओं की आजादी से जोड़ कर देखते हैं। आपको JNU में हुए ‘किस डे’ की घटना तो याद ही होगी। पिछले कुछ दशकों में पश्चिम से उठाकर ना जाने ऐसे कितने त्योहारों को फेमस कर दिया गया। जिनकी देश में कोई जरूरत ही नहीं थी। इसके पीछे कई ऐसी मल्टीनेशनल कंपनिया थी। जिन्होंने अपने प्राफिट के लिए यहां के संस्कृती की धज्जियां उड़ा दी। जिसको सही करने का जिम्मा अब मोदी सरकार के कंधों पर है और अब इसी के चलते मोदी सरकार ने सबसे पहला हमला वेलेंटाइन डे पर बोला।
‘पार्टनर के बजाए गाय को लाएगें गले’
मोदी सरकार के वेलेंटाइन डे को लेकर ऐसा ऐलान किया कि जिससे विपक्ष में खलबली मच गई। दरअसल मोदी सरकार ने वेलेंटाइन डे को काउ हग डे’काउ हग डे’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। यानी जहां पूरी दुनिया में 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे मनाया जाएगा वहीं भारत में काउ हग डे मनाया जाएगा। भारतीय पशु कल्याण ने देशवासियों से 14 फरवरी को काउ हग डे मनाने की अपील भी की। यानी इस दिन लोग अपने पार्टनर के बजाए गाय को गले लाएगे। इसे लेकर एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ़ इंडिया ने एक नोटिस भी जारी कर दिया। बोर्ड का ये कहना है की गाय भारतीय संस्कृती, हमारी लाइफ और ग्रमीण अर्थव्यास्था की रीड होती है।
विपक्षी दलों ने उड़ाया फैसले का मजाक
वेस्टर्न कलचर की चकाचौंध के कारण वैदिक परंपराए खत्म होती जा रही है। ऐसे में अपनी परंपराओं को फिर से जरनेट करने के लिए मुहिम चलाई जा रही है। इसी अपील के बाद से सियासी गलीयारों में विवाद की नई चंगारी धधकने लगी। बयानबाजी के बीच कोई इसे असंवैधानिक गया। तो किसी ने इसे युवाओं के साथ लॉ एंड ऑडर से छेडखानी करार कर दिया। इसी को लेकर विपक्षी पार्टियां विरोध के साथ-साथ इसका मजाक भी उड़ने लगी। हिंदूत्व को बढ़ावा के लिए केंद्र सरकार की तरफ से किए गए इस फैसले के बाद से विपक्ष पार्टियां भड़क गई है। कई तरह के आरोप भी लगे।
मोदी सरकार ने वापिस लिया फैसला
इन सबसे के बाद केंद्र सरकार ने वेलेंटाइन डे को काउ हग डे रूप में मनाने के फैसले को वापस ले लिया। यानी अब वेलेंटाइन डे पर काउ हग डे नहीं मनाया जाएगा। विपक्ष के जोरदार विरोध के बाद मोदी सरकार ने जारी किया गया नोटिस खारिज कर दिया