उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने से 576 घरों में दरारें आ गई हैं। जिसकी वजह से जोशीमठ में रहने वाले परिवार पलायन को मजबूर हो गए है। जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि घरों में दरारें आने के बाद अब तक कुल 66 परिवार पलायन कर चुके हैं।
हर घंटे बढ़ रही दरारें
इस बीच जोशीमठ नगरपालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार का भी एक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि “अब सिंहधर जैन मोहल्ले के पास बद्रीनाथ एनएच और मारवाड़ी में वन विभाग की चेक पोस्ट के पास दरारें बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। यह दरार हर घंटे बढ़ रही है जो बेहद चिंताजनक है।”
वहीं जोशीमठ सिटी बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि मारवाड़ी के नौ घरों में दरारें आने की सूचना मिली है। इसके अलावा वार्ड की अधिकांश सार्वजनिक सड़कों में भी दरारें दिखाई देने लगी हैं। जिला आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि जोशीमठ के मारवाडी वार्ड की जेपी कॉलोनी में भी जमीन से पानी का रिसाव हो रहा है।
स्थिति का जायजा लेने जोशीमठ का दौरा करेंगे सीएम धामी
वहीं शैलेंद्र पंवार ने कहा कि “सुनील वार्ड की सभी मुख्य सड़कों पर भी दरारें बढ़ रही हैं, जिससे लोगों को चलने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है” जोशीमठ में लगातार जमीन धंसने के बाद जिलाधिकारी चमोली ने संयुक्त दंडाधिकारी दीपक सैनी को जोशीमठ में पदस्थापित किया है।
इससे पहले उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में जमीन धंसने और कस्बे के कई घरों में दरारें आने को लेकर कहा थी कि लोगों को बचाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वहीं स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री धामी जल्द ही जोशीमठ का दौरा करेंगे। सीएम धामी ने कहा कि मैंने स्थिति की निगरानी के लिए नगर निगम के अध्यक्ष शैलेंद्र पवार से बात की है।”
‘घरों में आई बड़ी दरारें’
दूसरी तरफ जोशीमठ नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार का कहना है कि मारवाड़ी वार्ड में जमीन के अंदर से पानी का रिसाव हो रहा है। जिससे घरों में बड़ी दरारें आ गई हैं। मैंने पूरी स्थिति पर चर्चा करने के लिए सीएम धामी से देहरादून में मुलाकात की। इस बीच भूस्खलन की घटनाओं के बाद लोगों ने अपने घरों से सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना शुरू कर दिया हैं।
दरअसल जोशीमठ कस्बे में सर्दी और भूस्खलन के कारण मकान गिरने का खतरा एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। कस्बे के नौ वार्ड भूस्खलन से व्यापक रूप से प्रभावित हुए हैं। घरों की दीवारों और फर्श में दरारें दिन-ब-दिन गहरी होती जा रही हैं।
‘576 घरों के 3000 से अधिक लोग प्रभावित’
शैलेंद्र पवार ने कहना है कि भूस्खलन से जोशीमठ के 576 घरों के 3000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि “नगर पालिका द्वारा सभी घरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। कई लोगों ने भूस्खलन के कारण अपना घर भी छोड़ दिया है।”
वहीं जोशीमठ नगर क्षेत्र की पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष माधवी सती के मकान को भी भूस्खलन ने पूरी तरह अपने कब्जे में ले लिया है। उनके घर में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं।
इस बीच माधवी सती ने कहा कि उनके पास एक खंडहर घर में रहने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। चमोली के डीएम ने भी इलाके का दौरा किया था। लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला।