देश के अपने किसान पसीने से जमीन को सींच रहे हैं। इसी कारण आज देश के हर घर में लोग दो जून की रोटी सुकून से खा पा रहे हैं। इस बीच उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां राजधानी देहरादून में किसानों के बड़े आंदोलन की तैयारी चल रही है। किसान मार्च के जरिए अपनी मांगों को राज्य सरकार के समक्ष उठाते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध भी दर्ज करेंगे। इसको देखते हुए पुलिस प्रशासन भी चुप्पी साधे बैठा है।
‘किसानों के लिए सरकार सदैव तत्पर’
फिलहाल किसानों के आंदोलन पर निगाह रखी जा रही है। वहीं इस बीच राज्य के कृषि मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि देश के रक्षक हमारे सैनिक हैं। तो वहीं हमारे अन्नदाता किसान हैं। किसानों की हर समस्या दूर करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार सदैव तत्पर है और इनकी आर्थिक स्थिती को सुधारने के भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके चलते कई बड़ी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
वहीं आपको बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने किसानों को सम्मान देने के लिए नई पहल की शुरूआत की है। राज्य सरकार ने अधिक पैदावार होने की खुशी में किसानों को कृषि कर्मण और प्रशंसा पुरस्कार देने का ऐलान किया है। राज्य सरकार ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। जिले से एक पुरुष और एक महिला को पुरस्कार दिया जाएगा। जिससे प्रदेश के साथ-साथ देश में भी किसानों का मान बढ़ेगा।
गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित करे सरकार
वहीं फिलहाल किसान आंदोलन की तैयारी में है। बता दें कि दो दिन पहले भी किसान देहरादून में धरने पर बैठे थे। उन्होंने डोईवाला शुगर मिल के गेट के बाहर धरना दिया था। धरना स्थल पर किसान काली पट्टी बांध कर पेराई सत्र का विरोध कर रहे थे। किसान धरने के दौरान गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग कर रहे थे। जिसके चलते पुलिस ने कई किसानों को हिरासत में ले लिया