राजनीतिक पार्टियां 2024 की तैयारियों में जुटी है। इस कड़ी बिहार के मुख्यमंत्री भी जोर-शोर से लगे हुए हैं। सीएम नीतीश की नजर दिल्ली पर है, जिसकी राह लखनऊ हो कर गुजरती है। ऐसे में अगर नीतीश को दिल्ली पहुंचना है तो लखनऊ को साधना होगा। जिसके चलते सीएम नीतीश कुमार ने यूपी के मुख्य विपक्षी पार्टी साप को साधने की रणनीति बनाई है।
दरअसल कोलकाता में बसपा सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद नीतीश सोमवार को लखनऊ में सपा अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे। दिल्ली की राह आसान बनाने के लिए विपक्षी एकता जरुरी है। जिसके लिए नीतीश लगातार विभिन्न राजनीतिक दलों से नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इस कड़ी में उन्होंने पिछले दिनों कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की थी। वहीं नीतीश को बसपा प्रमुख मायावती के विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है।
दरअसल कि बसपा प्रमुख ने मायावती बनर्जी ने डॉन से राजनेता बने आनंद मोहन की वक्त से पहले रिहाई की सुविधा के लिए जेल मैनुअल में संशोधन करने का मुद्दा छेड़ते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार की आलोचना की है। बता दें कि आनंद मोहन पर 1994 में तेलंगाना के एक युवा आईएएस अधिकारी व गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्या का आरोप लगा था। जिसके बाद उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।