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Delhi Liquor Scam: 21 मार्च तक टली जमानत याचिका पर सुनवाई, कोर्ट ने

Delhi Liquor Scam: 21 मार्च तक टली जमानत याचिका पर सुनवाई, कोर्ट ने सिसोदिया को 7 दिनों की ED रिमांड पर भेजा

कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई को 21 मार्च तक टाल दिया है। इस दौरान ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में  मनीष सिसोदिया को 10 दिन के रिमांड पर भेजने की मांग की थी। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सिसोदिया को 7 दिनों की ईडी रिमांड पर भेजा है। ED ने सुनवाई के दौरान दावा करते हुए कहा था कि आबकारी नीति तैयार करने के पीछे सिसोदिया की साजिश थी। नियम बदलकर शराब नीति में कुछ खास लोगों को 6 की जगह 12 फीसदी लाभ पहुंचाया गया। इसलिए सिसोदिया से पूछताछ के लिए रिमांड जरूरी है।

ED ने लगाए सिसोदिया पर आरोप

ED ने कोर्ट में कहा कि शराब नीति से दक्षिण की कंपनियों और बड़े कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया। सिसोदिया के कहने पर ही शराब नीति के नियमों को बदला गया और अवैध कमाई की व्यवस्था बनाई गई। वहीं कुछ खास लोगों को ही थोक व्यापार का हिस्सा दिया गया। उन्हें 6% की जगह 12% का मार्जिन दिया गया। डिजिटल सबूत मिटा दिए गए। ED ने कोर्ट में कहा कि सिसोदिया 12 प्रतिशत मार्जिन के सवाल पर गलत जवाब दे रहे थे। शराब नीति घोटाले मामले में 219 करोड़ रुपये की ट्रेल मिली है। इस पूरी कार्यप्रणाली की जांच करने और अन्य आरोपियों से पूछताछ करने की जरूरत है। इसलिए 10 दिन की रिमांड की मांग की है। 

21 मार्च तक टली जमानत याचिका पर सुनवाई

बता दें कि कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर 21 मार्च तक सुनवाई टाल दी है। वहीं ED की रिमांड याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद कोर्ट ने कुछ देर के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था। लेकिन अब सिसोदिया को 7 दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं ईडी का कहना है कि एक आरोपी के लिए तीन-तीन वरिष्ठ वकील होने और उनका एक ही दलील देने का क्या मतलब है। ईडी ने कोर्ट से सिसोदिया की 10 दिन की रिमांड की करते हुए कहा वह पूर्व उपमुख्यमंत्री का कई लोगों से आमना-सामना कराएगी।

सिसोदिया के वकील ने पेश की दलील

इस बीच सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में दलील देते कहा कि जब सरकार की पॉलिसी बनती है तो वह कई स्तरों से गुजरती है। चुनी हुई सरकार के अलावा संबंधित विभाग और वित्त विभाग से होते हुए मसौदा उप राज्यपाल के पास जाता है। पूरी प्रक्रिया के बाद एलजी ने भी पॉलिसी को देखा और समझा, तभी इसे मंजूरी दी। एलजी टेंडर जारी होने के बाद शिकायत की है, पहले की नहीं। जबकि जांच एजेंसी यहां टेंडर जारी होने से पहले की बात कर रही है। वहीं सिसोदिया की ईडी द्वारा गिरफ्तारी पर उनके वकील दयान कृष्णन ने सवाल उठाते हुए कहा कि शुक्रवार को जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी। इससे पहले ईडी ने सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया, जबकि इससे पहले ईडी ने उन्हें समन जारी नहीं किया था।

सिसोदिया के पास नहीं मिला कोई पैसा

उन्होंने कहा कि छापेमारी के दौरान सिसोदिया को कोई पैसा धन दौलत संपदा कुछ भी नहीं मिला। अब कहा जा रहा है कि विजय नायर सिसोदिया के लिए काम करता था। PMLA काफी सख्त कानून हैं। यहां सबूत के बजाय जांच एजेंसी की धारणा के हिसाब से गिरफ्तारी की जा रही है। 

सिसोदिया के पास 1 रुपया भी गया है तो ईडी वह दिखा दे। हम कोर्ट में ईटी सामने जमानत पर बहस करने वाले थे। लेकिन जमानत पर सुनवाई से एक दिन पहले मुझे गिरफ्तार कर लिया गया।

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