नई दिल्ली: गृह मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति (Parliamentary Committee) ने कहा है कि अर्धसैनिक बलों (Paramilitary Forces) के जवानों को साल में 100 दिन की छुट्टी का लाभ मिलना चाहिए. इस क्रम में संसदीय समिति ने बताया कि वर्तमान समय में फील्ड ड्यूटी (field duty) में तैनात जवानों को 75 दिन की छुट्टी मिलती है, जबकि इसे बढ़ाकर 100 दिन करने का प्रस्ताव है.
इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द लागू किया जाए और इसकी जानकारी (Parliamentary Committee) कमेटी को दी जाए. इस संबंध में संसद में पूछे गए सवाल पर गृह मंत्रालय ने कहा कि यह प्रयास है कि जवान साल में 100 दिन अपने परिवार के साथ बिता सकें. यह सुविधा कितने जवानों को मिली इसका कोई ब्योरा नहीं दिया गया. सुरक्षा बलों में सीएल को 15 दिन से बढ़ाकर 28 दिन करने के प्रस्ताव को गृह मंत्रालय ने स्वीकार नहीं किया था.
यह प्रस्ताव सीआरपीएफ की ओर से मंत्रालय को भेजा गया था. इसके जवाब में मंत्रालय ने कहा है कि प्रस्ताव पर विचार किया गया है. हालांकि, मंत्रालय इससे सहमत नहीं है क्योंकि यह सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप नहीं है. गृह मंत्रालय ने सभी सुरक्षाबलों को यह जानकारी दे दी है. सातवें वेतन आयोग की जिन सिफारिशों का हवाला दिया गया है, उनमें कहा गया है कि मौजूदा छुट्टी प्रणाली अच्छी तरह से काम कर रही है और इसमें छेड़छाड़ करने की कोई जरूरत नहीं है.
जवानों को मिलनी चाहिए 100 दिन की छुट्टी
इसके साथ ही सेना की तर्ज पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को छुट्टी देने के सवाल पर कहा गया है कि सीएपीएफ नागरिक बल हैं और उनकी सेवा शर्तें रक्षा बलों से अलग होती हैं. अलग-अलग बलों में अलग-अलग नियमों का भी हवाला दिया गया. ज्ञात हो कि 100 दिन की छुट्टी, उनके घर के पास पोस्टिंग, एक निश्चित उम्र के बाद जवानों को प्रतिनियुक्ति पर भेजने के प्रस्तावों पर उच्चतम स्तर पर चर्चा हुई थी.
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