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Delhi: देश के इतिहास को लेकर पीएम मोदी का बड़ा बयान,

Delhi: देश के इतिहास को लेकर पीएम मोदी का बड़ा बयान, कहा- गुलामी के समय रची गई थी ये साजिश

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहोम जनरल लाचित बरफूकन की 400वीं जयंती के अवसर पर उनपर लिखी किताब का विमोचन किया. इस दौरान असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, राज्यपाल जगदीश मुखी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने समारोह में भाग लिया और उनको श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने कहा, भारत के इतिहास को दबा दिया गया. पहले विदेशी एजेंडे को बढ़ाने का काम जानबूझकर किया गया. भारत का इतिहास केवल गुलामी का इतिहास नहीं है. यह वीरों का इतिहास है.

पीएम मोदी ने सेनापति लाचित के योगदान को याद कर देश के इतिहास के बारे में बताया हुए कहा, अत्याचारियों के विरुद्ध अभूतपूर्व शौर्य और पराक्रम दिखाने का इतिहास रहा है. हम इन गलतियों को सुधार रहे हैं. आज देश गुलामी की मानसिकता को छोड़ अपनी विरासत पर गर्व करने के भाव से भरा हुआ है. आज भारत न सिर्फ अपनी सांस्कृतिक विविधता को मना रहा है बल्कि अपनी संस्कृति के ऐतिहासिक नायक-नायिकाओं को गर्व से याद भी कर रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, जब कठिन समय आया, चुनौती आई तो उसका मुकाबला करने के लिए कोई न कोई विभूति अवतरित हुआ. हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बचाने के लिए साधु-संत आए. भारत को तलवार की जोर से कुचलने का मंसूबा पाले, आक्रमणकारियों का मां भारती की कोख से जन्मे वीरों ने सामना किया. लाचित बारफूकन भी ऐसे वीर थे. उन्होंने दिखाया कि कट्टरता और आतंक के हर आग का अंत हो जाता है.

24 नवंबर को मनाया जाता है लचित दिवस

आपको बताते चले की अहोम साम्राज्य के सेनापति लाचित बोड़फुकन का जन्म 24 नवंबर 1622 को हुआ था. वह अहोम साम्राज्य का एक प्रसिद्ध सेनापति थे. लाचित को पूर्वोत्तर का शिवाजी भी कहा जाता है, क्योंकि शिवाजी की तरह उन्होंने रणनीति से मुगलों को कई बार हरा दिया था, मुगलों को हराने वाले लाचित की याद में असम में हर साल 24 नवंबर को लाचित दिवस मनाया जाता है.

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