दिल्ली दंगों के दौरान IB अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने पूर्व आप नेता ताहिर हुसैन और 10 अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। कड़कड़डूमा कोर्ट ने कहा कि ताहिर हुसैन ने हिन्दुओं को मारने के लिए उकसावे की भूमिका निभाई और उसने भीड़ को हिंदुओं पर हमला करने के लिए उकसाया था।
बता दें कि फरवरी 2020 में उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के दौरान अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने ताहिस हुसैन समेत 11 आरोपियों पर आरोप तय कर दिए हैं. कोर्ट ने कहा कि गवाहों के बयानों से ये साफ होता है कि ये सभी आरोपी घठना स्थल पर मौजूद थे। दिल्ली दंगों के दौरान दंगाई भीड़ ने हिंदुओं के घरों की तरफ गोली चलाई, पत्थर और पैट्रोल बम फेंके। इससे ये साफ होता है कि दंगाई भीड़ जान पूछ कर हिंदुओं को मारना चाहती थी। कोर्ट ने आगे कहा कि इस भीड़ में शामिल लोग ये नहीं कह सकते कि वो इस उद्देशय से बेखबर थे. विभन्न गवाहों के बयान से ये पता चलता है कि ताहिर हुसैन अपने घर से चांद बाग पुलिया और वहां से मस्जिद के बीच चक्कर काट रहा था. शेरपुर चौंक की घटना का हवाला देते हुए हिंदुओं से बदला लेने के लिए ताहिर हुसैन भीड़ को उकसा रहा था।
चलिए आपको बतातें हैं कोर्ट ने इस मामले पर क्या कुछ कहा …
कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों के दौरान खुफिया ब्यूरो आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में कहा कि ताहिर हुसैन के घर में दंगों से संबंधित जरूरी सामान जमा किया जा रहा था। वहां पेट्रोल बम का भी इंतजाम किया गया था। कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलों में पेट्रोल भरकर उनकी मौजूदगी में उनके घर के अंदर ले जाया जा रहा था। ताहिर लगातार भीड़ की निगरानी और उकसाने का काम कर रहा था। ये सब काम हिंदुओं को टारगेट करने के लिए किया जा रहा था। वहां इकट्ठी हुई भीड़ का हर सदस्य हिंदुओं को निशाना बनाने के उद्देश्य से शामिल था। कोर्ट ने कहा कि भीड़ के सदस्यों के इस तरह के आचरण से पता चलता है कि वे हिंदुओं को मारने और नुकसान पहुंचाने के लिए अपने दिमाग से और स्पष्ट उद्देश्य के साथ काम कर रहे थे।
दिल्ली कड़कड़डूमा कोर्ट ने सभी सबूतों और बयानों को देखने के बाद ताहिर हुसैन समेत सभी 11 आरोपियों को फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगे और आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा की हत्या मामले में सभी के खिलाफ कई धाराओं में आरोप तय कर किए हैं।