तुर्की में विनाशकारी भूकंप से मची तबाही के बाद जहां रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से जारी है। वहीं अपने ही दुश्मन बन गए। दरअसल पिछले कुछ दिनों में लूटपाट की घटनाएं बढ़ गई हैं। समाचार एजेंसी AFP ने सरकारी मीडिया के हवाले से एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि तुर्की में भूकंप के बाद लूटपाट के आरोप में 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अलग-अलग प्रांतों में संदिग्ध गिरफ्तार
वहीं तुर्की की समाचार एजेंसी अनादोलु ने बताया कि सोमवार को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से 28,000 लोगों की मौत हो चुकी है और यह सख्यां हर नए दिन के साथ बढ़ रही है। साथ ही लूटपाट की घटनाएं भी बढ़ गई है। इस कड़ी में जांच के तहत आठ अलग-अलग प्रांतों में संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया।
10 प्रांतों में तीन महीने के लिए आपातकालीन स्थिति की घोषणा
तुर्की में लुटेरों पर नकेल कसने के लिए आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित एक डिक्री के अनुसार विशेष परिस्थितयों में लूटपाट के अपराधों के लिए आरोपियों को पहले से तय चार दिन को बाद अतिरिक्त तीन दिनों के लिए हिरासत में ले सकते हैं। दरअसल राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने तुर्की लुटेरों पर नकेल कसने की शपथ ली थी। उन्होंने भूकंप प्रभावित दियारबाकिर प्रांत के दौरे के दौरान आपात स्थिति की घोषणा की और कहा कि अब से लूट या अपहरण में शामिल लोगों को पता होना चाहिए, देश के कानून का मजबूत हाथ उनकी पीठ पर है। एर्दोगन मंगलवार से भूकंप से प्रभावित दक्षिणपूर्वी तुर्की के 10 प्रांतों में तीन महीने के लिए आपातकालीन स्थिति की घोषणा की।
मलबे में जिंदगियों की तलाश
भूकंप के कारण तुर्की के सनलिउरफा, अंटाक्या और सीरिया का अलेप्पो शहर पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। भारत सहित दुनिया के कई देश तुर्की में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। ताकि मलबे में दबी जिंदगियों को किसी तरह बचाया जा सके।
इस कड़ी में NDRF के जवानों ने एक मलबे से आठ साल की बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला। NDRF के प्रवक्ता ने बताया कि तुर्की सेना के जवानों के साथ गाजियांतेप प्रांत के नूरदगी शहर में रेस्क्यू अभियान चलाया गया, जो सात फरवरी से तुर्की के प्रभावित इलाकों में जारी है।