हर साल माघ महीने में वसंत पंचमी का त्योहार बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। वहीं इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। इस साल बसंत पंचमी का त्योहार 26 जनवरी यानी आज के दिन मानाया जा रहा है। संगम की रेती पर लगे माघ मेले का बसंत पंचमी प्रमुख स्नान पर्व है। इस मौके पर ब्रह्म मुहूर्त से श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाते हैं ताकि उनकी मनोकामनाओं की पूर्ती होगी। इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती के पावन त्रिवेणी में स्नान करना बेहद फलदायी माना जाता है।
पूजा करने के लिए पीले वस्त्रों का करें इस्तेमाल
ऐसी मान्यता है कि आज के दिन मां सरस्वती की अराधना करने से साधकों की साधना पूरी होती है। वहीं विद्यार्थियों को मां सरस्वती की पूजा करने से विद्या की प्राप्ती होती है। वहीं इस दिन कुछ शुभ कार्य करते हैं तो जीवन में आपको सफलता जरूर मिलती है, साथ ही मां सरस्वती का आशीर्वाद भी आप पर बना रेहगा। वसंत पंचमी के दिन पपीते व केले का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से शारीरीक व मानसिक विकास होता है। बता दें कि पीले रंग को वसंत का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इस दिन पूजा और वस्त्रों में भी पीले रंग का इस्तेमाल करना चाहिए साथ ही मां सरस्वती की अराधना भी पीले फूल चढ़ाकर करनी चाहिए।
मेला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के चाक चौबंद किए इंतजाम
वहीं बसंत पंचमी के स्नान पर्व को लेकर प्रशासन ने भी सभी तैयारियां पूरी करने का दावा किया है। बता दें कि लगभग 75 लाख श्रद्धालुओं के संगम में आस्था की डुबकी लगाने का अनुमान लगाया है। 2560 बीघे में बसाये गए माघ मेले को तीन जोन और सात सेक्टरों में बांटा गया है। वहीं इसके साथ ही मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पांच किलोमीटर के दायरे में छह स्नान घाट बनाये गए हैं। कुंम्भ मेले की ही तर्ज पर स्नान घाटों पर डीप वाटर बैरिकेटिंग, जाल और घाटों पर रेत भरकर बोरियां लगायी गई हैं। इसके साथ ही स्नान के बाद घाटों पर निकलने वाले श्रद्धालुओं के लिए कांसा घास भी बिछायी गई है। जबकि महिलाओं के लिए सैकड़ों की तादात में स्नान घाटों पर चेंन्जिग रुम भी बनाये गए हैं।
प्रशासन ने वसंत पंचमी के स्नान पर्व को लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम का दावा किया है। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए पुलिस ने मेले में ट्रैफिक डायवर्जन भी लागू कर दिया है। मेला क्षेत्र में इस बार 17 अलग-अलग घाटों पर श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे। घाटों पर सुरक्षा को लेकर जल पुलिस के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है।