1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश होने वाली है। यानि एक फरवरी 2023 को केंद्रीय वित्त मंत्री अगले वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आय-व्यय का लेखा-जोखा देश की जनता के समक्ष पेश करेंगी। वहीं बजट से ठीक एक दिन पहले सरकार द्वारा संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है। यह इसलिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह पेश किए जाने वाले बजट की साफ तस्वीर पेश करता है। दूसरे शब्दों में कहें तो ये बजट से पहले देश की वित्तीय स्थिती के बारे में बताने वाला दस्तावेज होता है।
क्या है आर्थिक सर्वेक्षण
बता दें कि हर साल 1 फरवरी के दिन ही देश का आम बजट पेश किया जाता है। इससे ठीक एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण को संसद में सामने रखा जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण बजट का मुख्य आधार होता है। इसमें इकोनॉमी की पूरी तस्वीर सामने आती है। इसके जरिए सरकार देश की अर्थव्यवस्था की ताजा हालत को दर्शाती है। इसमें साल भर में डेवलपमेंट ट्रेंड, किस सेक्टर में कौन सी योजनाएं किस तरह लागू हुई, किस सेक्टर से कितनी कमाई हुई।
किस की देखरेख में बनता है ये दस्तावेज
आर्थिक सर्वेक्षण को बजट का मुख्य आधार माना जाता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि इसकी सिफारिशों को सरकार लागू ही करे। आर्थिक सर्वेक्षण में सरकारी नीतियों, प्रमुख आर्थिक आंकड़े और क्षेत्रवार आर्थिक रूझानों के बारे में विस्तार से बताया जाता है। यह दो हिस्सों में पेश होता है। पहले हिस्सों में देश की इकोनॉमी की ताजा हालत के बारे में बताया जाता है। वहीं दूसरे हिस्से में विभिन्न सेक्टर्स के प्रमुख आंकड़ो को विस्तार से बताया जाता है। बता दें कि ये दस्तावेज आर्थिक मामलों के विभाग मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में तैयार किया जाता है।
इसके बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार के मार्गदर्शन में तैयार किए गए इस दस्तावेज को अंतिम रूप देने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा अनुमोदित दिया जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने का ये सिलसिला 1950 से चल रहा है। पहली बार देश का इकोनॉमिक सर्वे वित्त वर्ष 1950-51 में पेश किया गया था।
निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री के रूप में लगातार 5वां बजट पेश करेंगी
इस बार के आम बजट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। इसका कारण कि 2024 में आम चुनाव होने वाले है। उससे पहले पेश होने वाला ये सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है। इसलिए बजट के लोकलुभावन होने की उम्मीद जताई जा रहा है। वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण का लगातार यह 5वां बजट होगा।