फर्जी विधायक बनकर अफसरों को धमकाने वाले संजय ओझा बहुत ही शातिर है। बता दें कि अपनी धाक जमाने के लिए उच्च अधिकारियों की धमकी देता रहता था। एसएसपी या जिले के अन्य अफसर उसकी बात नहीं मानते थेे तो वह डीजिपी और गृह सचिव को फोन मिला देता था। थाना स्तर पर तैनात अफसरों को कुछ समझता तक नहीं था पुलिस पर रौब जमाकर ठगी का पूरा जाल बिछा रखा था। संजय खुद को बिल्सी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का विधायक बताता था। उस पर बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करनेके भी आरोप है। वह पूर्व में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले सीआरपीएफ के फर्जी डिप्टी कमांडेंट का साथी हैं। कोतवाली पिुलिस ने शनिवार रात जहांगीराबाद के मौहल्ला कायस्थबाड़ा स्थित उसी के मकान से संजय ओझा पुत्र विनोद कुमार ओझा को गिरफ्तार किया है।
पुलिस की जांच में कई चेहरे आए सामने
पुलिस की जांच में कई ऐसे लोग भी सामने आए हैं, जिन्हे संजय ने ठगी का शिकार बनाया था। वहीं कुछ दिन पहले ही अलीगढ़ के एक व्यक्ति से उसकी मुलाकात हुई थी। काम करने की एवज में उससे संजय ने मोटी रकम ली ती। इसके बाद उसका काम कराने के लिए अलीगढ़ के एसएसपी को फोन किया था। बता नहीं बनने पर उसने डीजीपी और गृह सचिव को फोन मिला दिया था। हालांकि उसकी सीधे अफसरों से बात नहीं हो पाई थी, पीआरओ ने फोन उठाया था। वहीं पुलिस के पास कॉल डिटेल और इस बातचीत की रिकॉर्डिंग भी है।
संजय ओझा पुलिस से काम करवाने के एवज में वसूलता था रकम
आरोपी संजय ओझा पुलिस से काम करवाने के एवज में लोगों से रकम वसूलता था। अधिकारियों को फोन कर उन्हें दबाव में लेने की कोशिश करता था। कई बार उसका यह दबाव सफल भी रहा। वही पुलिस ने जब संजय की कॉ़ल डिटेलस खंगाली तो पता चला कि उसने कई थानों के प्रभारियों से भी फोन पर बात की थी। वह विधायक बनकर उनसे रौब में बात करता था।
जनवरी में गिरफ्तार किए गए फर्जी डिप्टी कमांडेंट भूपेंद्र ने करीब 36 लोगों को नौकरी के नाम पर ठगा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद पीड़ितों ने थाने में शिकायत की थी। पुलिस का मानना है कि संजय की गिरफ्तारी के बाद ठगी के शिकार हुए और लोग भी सामने आएंगे।आरोपी खुद को बिल्सी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का विधायक बताकर अधिकारियों पर रौब झाड़ता था। अब तक कुछ मामले प्रकाश में आ चुके हैं। जल्दी अन्य मामलों को भी सामने लाया जाएगा।