सुल्तानपुर में करीब सवा करोड़ की लागत से नए पुल का निर्माण कार्य हो रहा। इसके निर्माण में आंख बंदकर मानकों की अनदेखी हो रही। आलम ये है कि बेस से लेकर पिलर तक ईंट का बनाया गया है। ऐसे में पुल बनकर तैयार होने के बाद आवागमन हमेशा के लिये जोखिम भरा होगा।
नींव से लेकर पिलर तक ईंट से खड़े किये जा रहे
मिली जानकारी के अनुसार 17 मीटर लंबा और 3.5 मीटर चौड़ा गभड़िया नाले पर टू लेन का निर्माण 20 दिसंबर 2022 के आसपास शुरू हुआ। लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माण कार्य शुरू करवाया गया। शुरुआत में ही ये आरोप लगा था कि निर्माण कार्य में पुरानी सरिया का उपयोग हो रहा। अब जब नींव से लेकर पिलर खड़ा हो गया तो बड़ा मामला प्रकाश में आया। आमतौर पर पुल निर्माण आरसीसी बेस से होता है। लेकिन यहां अफसरों की हीलाहवाली के चलते पुल की नींव से लेकर पिलर तक ईंट से खड़े किये जा रहे हैं जिसकी सीमेंट से जुड़ाई की गई है।
25 हजार की आबादी हर रोज गुजारेगी तो क्या…
तो वहीं पीडब्ल्यूडी ने गभड़िया पुल को 15 मार्च तक बंद करने का निर्णय लिया है। स्थानीय लोगों के अनुसार पूर्व में करीब 25 हजार की आबादी हर दिन यहां से गुजरती रही है। ऐसे में टू लेन के बाद भी इतनी या इससे अधिक आबादी प्रति दिन गुजरेगी। ऐसे में क्या ईंट के पिलर और नींव पड़ने वाले भार को रोक लेगी ये बड़ा सवाल है। वहीं इस मामले में जब लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता संतोष मणि त्रिपाठी से बात किया गया तो उन्होंने गोल-मोल जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हमारी देख रेख में कार्य हो रहा है। सभी कार्य गुणवत्ता पूर्ण और मानक के अनुरूप ही हो रहा।
साल 1931 की टेक्नोलॉजी के हिसाब से ईट का प्रयोग किया गया
प्रश्न यह है कि इक्कीश्वी सदी में जहां सब कुछ हाईटेक हो गया है तो वहीं लोक निर्माण विभाग के द्वारा बनाए जा रहे इस गभड़िया पुल को इसके पहले ब्रिटिश सरकार के द्वारा लगभग 1931 के आस पास बनाया गया पुल की तर्ज पर बनाया जा रहा है। तब की आबादी और पुल का मानक उस समय के हिसाब से बनाया गया था। जोकि उस समय की टेक्नोलॉजी के हिसाब से ईट का प्रयोग कर के बनाया गया था। लेकिन आज इस दौर में और जबकि आबादी के हिसाब से देखा जाए तो भी इस गभड़िया पुल का निर्माण कार्य मजबूत और आर सी सी सरिया और गिट्टी का प्रयोग करते हुए बनाना चाहिए था।
पुल का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी
साथ ही साथ अवगत करा दें कि इस समय इस पुल का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है और पुल को आर बी ईट से चुनाई करते हुए, हल्के सरिया का प्रयोग कर निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग की देख रेख मे कराया जा रहा है। जो अपने आप में एक अजूबा होगा क्योंकि इस पर उड़ कर नहीं बल्कि चल कर जाना पड़ेगा। लेकिन अभी तक ज़िला प्रशासन ने इसका संज्ञान नहीं लिया हैं। देखना यह होगा कि ज़िला प्रशासन इस पर कब संज्ञान लेता है और फिर क्या कार्यवाही सुनिश्चित करता है।