गाजीपुर में सुनील कुशवाहा ने अपने फार्म हाउस पर एक अनोखा प्रयोग किया है। 4 बीघे में फैले अपने फार्म हाउस पर उन्होंने ने खास प्रजाति के सेब की फसल लगाई है। हिमाचल से लाए गए यह सेब के पौधे गर्मी के दिनों में ही फल देते हैं। सुनील अब फलों की खेती करने वाले क्षेत्र के किसानों को निशुल्क ट्रेनिंग देने की योजना पर काम कर रहे है।
45 डिग्री पर भी फल देने वाला पौधा
सुनील ने बताया कि सेब की फसल उगाने का सिलसिला करीब 3 साल पहले शुरू हुआ। जब वह हिमाचल प्रदेश गए थे। हिमाचल के कांगड़ा जिले गए थे। वहां उन्हें जानकारी मिली कि वहां हरमन शर्मा नाम के एक वैज्ञानिक है। जिन्होंने हर्मन 99 नामक सेब की एक नस्ल तैयार की थी। यह 45 डिग्री पर भी फल देने वाला पौधा था। सुनील ने हिमाचल के कांगड़ा जिला से सेब का पौधा मंगवाया और अपने फार्म हाउस पर लगाया।
क्या है सेब के पौधे का रेट
सुनील ने बताया कि 222 सेब सेब के पौधों को उन्होंने ने 10 x10 फुट के क्षेत्रफल में लगाया है। जब उन्होंने हिमाचल सेब के पौधे मंगवाए थे उस वक्त एक पौधे की कीमत 350 रुपए थी। सुनील के अनुसार अब जैसे-जैसे शोध बढ़ रहा है। वैसे-वैसे पौधे के रेट कम होते जा रहे हैं। अब इस नस्ल के सेब के पौधे 100 से लेकर 300 के बीच मिल जाते हैं। सुनील ने बताया कि उनके फार्म हाउस पर 222 पौधे अभी फिलहाल लगे हैं। उन्होंने यह बताया कि यह व्यवसायिक दृष्टि से उन्होंने सेब के खास पौधे लगाए हैं। वह अपने जिले के किसानों को यह संदेश देना चाहते हैं कि गेहूं और धान की फसल के बाद वह ऐसी खेती करें जिससे उन्हें ज्यादा मुनाफा हो।
बीटेक के बाद ऑर्गेनिक खेती की ट्रेनिंग ली
सुनील के बीटेक की पढ़ाई की है। लेकिन वह हमेशा से अपना करियर ऑर्गेनिक खेती में बनाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र गाज़ीपुर से ऑर्गेनिक खेती में औपचारिक ट्रेनिंग ली। इसके साथ ही साथ मध्य प्रदेश के रहने वाले सुभाष पालेकर के सानिध्य में भी उन्होंने ऑर्गेनिक खेती के गुण सीखें। सुभाष पालेकर को ऑर्गेनिक खेती में विशिष्ट सेवा के लिए और पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
इस साल उन्हें उम्मीद है कि उन्हें अच्छा मुनाफा होगा
सुनील ने बताया कि सेब के पेड़ों पिछले साल उम्मीद से कम फल लगे थे। फलों का आकर छोटा था। उन्होंने बताया इस साल उनके फर्म हाउस से हर पेड़ से कि 70 और 100 फल ,लगभग निकलने की उम्मीद है। इस साल उन्हें उम्मीद है कि उन्हें अच्छा मुनाफा होगा। सुनील के अनुसार कश्मीर और हिमाचल के बागानों से निकले सेब सर्दियों में लोकल मंडी में बिकने के लिए आते हैं। गर्मियों में सेबों की कीमत औसत 200 रुपए तक चली जाती है । ऐसे में उनके फार्म हाउस से निकले सेबों को बेचकर इस बार वह मोटा मुनाफा कमाएंगे।
किसानों को सेब की फसल उगाने को लेकर निशुल्क ट्रेनिंग देने की योजना पर कर रहे काम
सुनील ने बताया कि अब तक वह सब की खेती को एक प्रयोग के तौर पर कर रहे थे । लेकिन, अब वह इस सेब की खेती को विस्तार देंगे। गाजीपुर में गर्मियों में तापमान 45 डिग्री तक चला जाता है । हरमन 99 नस्ल की सेब को उगने के लिए यह एक आदर्श मौसम है। जब वह सेब की खेती करने की योजना अपने जानने वालों से साझा किए। तो लोगों ने इस निर्णय को आर्थिक दृष्टि से अव्यावहारिक बताया। लेकिन, अब दूर दूर से लोगों सेब की फसल को देखने और इसके बारे में जानने आते हैं। सुनील ने बताया कि वह क्षेत्र में किसानों को सेब की फसल उगाने को लेकर निशुल्क ट्रेनिंग देने की योजना पर काम कर रहे हैं।