गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी को असम की जमानत के बाद फिर से गिरफ्तार किया गया है। असम की बारपेटा पुलिस ने उन्हें दूसरे केस में गिरफ्तार किया है, हालांकि पुलिस ने अभी यह साफ नहीं किया है कि मेवाणी को किस मामले में गिरफ्तार किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोबारा गिरफ्तार के बाद मेवाणी को कोकराझार जिले से बारपेटा ले जाया जा रहा है।
कौन है जिग्नेश मेवाणी
जिग्नेश मेवाणी गुजरात के वडगाम से निर्दलीय विधायक हैं। वह पेशे से एक वकील और पूर्व पत्रकार हैं। जिग्नेश दलित आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे। बता दें कि पिछले साल ही जिग्नेश ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। उन्होंने साफ किया था, सितंबर 2021 में कहा था कि वह अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद कांग्रेस जॉइन करेंगे।
PM के खिलाफ किया था आपत्तिजनक ट्वीट
इससे पहले असम पुलिस ने जिग्नेश को गुजरात से बुधवार को गिरफ्तार किया था। उन पर पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट करने का आरोप है। एक स्थानीय बीजेपी नेता ने उनके खिलाफ शिकायत की थी। पुलिस की एफआईआर में कहा गया है कि मेवाणी ने ट्वीट में लिखा, ‘पीएम मोदी- गोडसे को भगवान मानते हैं।’ कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक मेवाणी के खिलाफ कोकराझार पुलिस थाने में कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था।
कांग्रेस ने किया विरोध, राहुल गांधी बोले- सत्य को कैद नहीं कर सकते
बीजेपी और पीएम के आलोचकों ने जिग्नेश मेवाणी की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने मेवाणी की गिरफ्तारी को बदले की कार्रवाई बताया। वहीं मेवाणी के समर्थन में कांग्रेस भी सड़कों पर उतर आई, कांग्रेस नेताओं ने मेवाणी के समर्थन में धरना-प्रदर्शन किया था।
रविवार को असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा और विधायक दिगंता बर्मन और एस के राशिद ने पार्टी कार्यालय से कोकराझार पुलिस थाने तक एक मौन मार्च किया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जिग्नेश की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी पर हमला किया था। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, आप असहमति और विरोध को कुचल तो सकते हैं, लेकिन सत्य को कभी कैद नहीं कर सकते।
अपनी गिरफ़्तारी को बताया साजिश
मेवाणी ने अपनी गिरफ्तारी को भाजपा और आरएसएस की साजिश बताया था। उन्होंने कहा कि यह मेरी छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है। ये पूरी प्लानिंग है, जैसा रोहित वेमुला के साथ किया, चंद्रशेखर आजाद के साथ किया। अब उनका निशाना मुझ पर है। जिग्नेश मेवाणी पर आपराधिक साजिश, पूजा स्थल से संबंधित अपराध, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और शांति भंग करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है।
By- Abhinav Shukla