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Guru Dutt Birthday: जानिए मशहूर एक्टर Guru Dutt कैसे बने टेलीफ़ोन ऑपरेटर ? मशहूर गायिका से लगा बैठे थे दिल

Guru Dutt Birthday: जानिए मशहूर एक्टर Guru Dutt कैसे बने टेलीफ़ोन ऑपरेटर ? मशहूर गायिका से लगा बैठे थे दिल

Guru Dutt 94th Birth Anniversary: आज यानी 9 जुलाई को बतौर निर्देशक, बॉलीवुड इंडस्ट्री एक्टर गुरु दत्त (Guru Dutt) की जन्म वर्षगांठ है. उन्होंने अपने एक्टिंग करियर में काफी साल राज किया.

बता दें की 50-60 के दशक में दर्शक उनके अभिनय के कायल थे. प्यासा’, कागज के फूल’, ‘साहब बीबी’ और गुलाम’ और ‘चौदहवीं का चांद’ उनके करियर की

कुछ सफल फिल्मे थीं जिन्हें आज भी पसंद किया जाता है. 9 जुलाई 1925 को कर्नाटक में जन्मे गुरु दत्त का पूरा नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था. गुरु दत्त इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी यादें आज भी उनके फिल्मों के जरिए ताजा हैं. गुरु दत्त की आज 96वीं बर्थ एनिवर्सरी है. इस मौके पर चलिए हम आपको बताते हैं उनके जिंदगी से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से. 

गुरु दत्त टेलीफोन ऑपरेटर भी थे

गुरु दत्त की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिसके चलते वो कॉलेज की पढ़ाई नहीं कर पाए थे. फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत करने से पहले वो कलकत्ता में टेलीफोन ऑपरेटर का काम किया करते थे. इस काम में उनका दिल नहीं लगा और उन्होंने ये नौकरी छोड़ दी. 

देवानंद से हुई थी दोस्ती

गुरु दत्त  ने पुणे में एक फिल्म कंपनी में काम किया. इस नौकरी के लिए उन्हें तीन साल का कॉन्ट्रेक्ट साइन करना पड़ा था. यहां काम करते हुए गुरु दत्त की मुलाकात देवानंद और रहमान संग हुई थी. ये मुलाकात जल्द ही दोस्ती में तब्दील हो गई थी. 

एक्टिंग करियर में गुरु दत्त की पहली फिल्म

गुरु दत्त  को 1944 में आई फिल्म चांद से पहला ब्रेक मिला. इस फिल्म में उन्होंने श्रीकृष्ण का रोल प्ले किया था. ये किरदार काफी छोटा था. एक्टर ने शुरुआती दिनो में अभिनय के अलावा कोरियोग्राफर और असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर भी इंडस्ट्री में काम किया. 

साल 1951 में आई ‘बाजी’ फिल्म गुरु दत्त के निर्देशन में बनी पहली फिल्म थी. जॉनी वॉकर और वहीदा रहमान को इंडस्ट्री में लाने वाले दत्त साहब ही थे. 

मशहूर गायिका से हो गया था प्रेम

फिल्मों में अपना करियर बनाने से इतर गुरु दत्त को मोहब्बत भी हुई जिसे उन्होंने अपनी जीवन संगनी बना लिया. 1951 में आई फिल्म ‘बाजी’ के सेट पर उनकी मुलाकात मशहूर गायिका गीता रॉय से हुई. पहली नजर के इस प्यार ने परवान चढ़ना शुरू कर दिया था. दोनों के बीच मुलाकात के दौर भी खूब चले. 1953 में दोनों ने शादी रचा ली. 

‘कागज के फूल’, ‘प्यासा’, ‘साहिब बीबी और गुलाम’ और ‘चौदहवीं का चांद’, ‘आर-पार’ और ‘सीआईडी’ ये गुरु दत्त की कुछ क्लासिक फिल्में थीं. 

‘सांझ और सवेरा’ गुरु दत्त (Guru Dutt) के करियर की आखिरी फिल्म रही. 10 अक्टूबर 1964 में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था. कहा ये जाता है कि गुरु दत्त ने आत्महत्या कर ली थी, हालांकि आज भी उनकी मौत का राज बना हुआ है.  

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