यूपी के वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का सर्वे जारी है। ASI की 38 सदस्यीय टीम सर्वे कर रही है। बता दें कि वाराणसी में आज सुबह 7 बजे से ज्ञानवापी का सर्वे शुरू कर दिया गया है। वपजूखाना को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे हो रहा है। परिसर के प्लॉट नंबर 9130 का सर्वे हो रहा है। सर्वे में इंच टेप लेकर पूरे परिसर की पैमाइश की गई। इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। ASI की टीम पश्चिमी दीवार का भी सर्वे कर रही है। इसके अलावा सर्वे में जुटी टीम डेटिंग विधि का भी इस्तेमाल भी करेगी।
ज्ञानवापी में हो रहे सर्वे का मुस्लिम पक्ष ने किया बहिष्कार
इस बीच खबर है कि ज्ञानवापी में हो रहे सर्वे का मुस्लिम पक्ष ने बहिष्कार किया है। मुस्लिम पक्ष की तरफ से कहा गया है कि हमारी बात नहीं सुनी गई। प्रशासन को बहिष्कार की जानकारी दी थी। ज्ञानवापी परिसर में एएसआई का सर्वे हो रहा है जिसको लेकर मुस्लिम पक्ष ने विरोध जताते हुए बायकॉट कर दिया है। मुफ्ती-ए-बनारस मुफ्ती अब्दुल बातिन का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में हमने याचिका डाली है जिसकी आज सुनवाई है। पुलिस कमिश्नर के साथ हमारी बैठक हुई थी इस बैठक में हमने बताया था लेकिन उन्होंने नहीं सुना। इसीलिए आज जो सर्वे हो रहा है एएसआई का, उसका हम लोगों ने बायकॉट कर दिया है।
बता दें कि वाराणसी की एक अदालत से आदेश मिलने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम सोमवार को सर्वे करने के लिए ज्ञानवापी परिसर पहुंच चुकी है। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव के मुताबिक, एएसआई की टीम परिसर में वजूखाने को छोड़ कर पूरे परिसर का सर्वेक्षण शुरू करेगी। यही वजह है कि वजूखाने को पहले से ही सील कर दिया गया है। एएसआई इस सर्वे की रिपोर्ट 4 अगस्त तक जिला जज के सामने पेश करेगी। वहीं जिला जज वाराणसी के 21 जुलाई के आदेश को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल कर दी गई है।
हिंदू पक्ष ने क्या किया दावा
दरअसल, पांच हिंदू महिलाओं ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद में शिव मंदिर के प्रमाण हैं, इसीलिए यहां का सर्वे कराया जाना चाहिए। इस विवाद की शुरूआत 18 अगस्त 2021 को हुई थी। इससे पहले भी कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे कराया गया। सर्वे में सामने आई तस्वीरों ने विवाग खड़ा कर दिया है। इन तस्वीरों को लेकर हिंदी पक्ष ने दावा करते हुए कहा कि ये मंदिर में बनी कलाकृतियां हैं। इसी बीच मस्जिद के वजूखाने से एक शिवलिंग की तस्वीर भी सामने आई जिसे लेकर असली विवाद शुरू हुआ।
वजूखाने पर कथित शिवलिंग को लेकर हिंदू पक्ष ने दलील दी की ये एक प्राचीन शिवलिंग है, जिसे मंदिर में बनाया गया था। जैसे ही यह विवाद बढ़ा तो मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और इस जगह जाने पर रोक लग गई। हिंदू पक्ष की मांग है कि ज्ञानवापी मस्जिद उन्हें पूरी तरह सौंप दी जाए। साथ ही यहां पर जल्द से जल्द पूजा की व्यवस्था भी की जाए. इतना ही नहीं हिंदू पक्ष ये भी चाहता है कि यहां मुस्लिमों का प्रवेश बंद कर दिया जाए।