वाराणसी का ज्ञानवापी मस्जिद के मामले ने एक बार फिर आग पकड़ ली है। अब मस्जिद में बरामद कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर बवाल शुरू हो गया है। जिसे लेकर कोर्ट शुक्रवार को यानी आज फैसला सुनाएगा। आपको बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान मस्जिद वजूखाने से बरामद कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और साइंटिफिक टेस्ट की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है। 11 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान इस मामले में बहस पूरी हो गई थी।हालांकि कोर्ट ने बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज कोर्ट इस मामले पर अपना फैसला सुनाएगी।
शिवलिंग या फव्वारा
दरअसल हिंदू पक्ष सर्वे के दौरान मस्जिद परिसर में मिले शिवलिंग जैसे स्ट्रक्चर को शिवलिंग बता रहा है तो वहीं दूसरी और मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है। जिसके बाद हिंदू पक्ष ने याचिका दायर कर कहा है कि शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराई जाए। ताकि इसकी उम्र का पता चले सके और ये मामला साफ हो जाए। 4 महिलाओं ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग की है। वाराणसी के जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश इस मामले की सुनवाई कर रहे है।
वहीं अगर हम कार्बन एक विशेष प्रकार का समस्थानिक होता है। इसके प्रयोग से कार्बनिक पदार्थों की उम्र का पता लगाया जा सकता है। लेकिन सिर्फ ऐसे पदार्थों का जो पहले कभी जीवित यानी कि सजीव थे। क्योंकि सजीवों में ही कार्बन मौजूद होता है। ऐसे कार्बनिक पदार्थों की मौत के बाद उनके शरीर में मौजूद कार्बन 12 या फिर कार्बन-14 के अवशेष बदलना शुरू हो जाते हैं।
कार्बन डेटिंग से पता चलती जीवों की उम्र
आपको बता दें कि कार्बन-14 रेडियोधर्मी एक ऐसा पदार्थ है जो धीरे-धीरे कम होने लगता है। इन्हें कार्बन समस्थानिक आइसोटोप सी-14 कहा जाता है। इसके द्वारा कार्बनिक पदार्थों की मृत्यु का समय पता लगाया जा है। इस कार्बन डेटिंग से 40 से 50 हजार साल तक पुराने जीवों की अनुमानित उम्र का पता लगाया जाता है।
ये भी पढ़े-मुस्लिमों की दूसरी शादी पर इलाहाबाद HC ने दिया ये बड़ा फैसला, कुरान का लिया सहारा