ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। बता दें कि मौर्य ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद है अगर ये मस्जिद नहीं होता तो ये मामला कोर्ट में जाता ही नहीं। ये मामला अभी विचारधीन है। वहीं ऐसे में किसी भी जिम्मेंदार नेता या मुख्यमंत्री को ये बात नहीं रखनी चाहिए। सीएम योगी देश के न्यायालय से बड़ी नहीं है। उन्हे थोड़ा इंतजार करना चाहिए था।
CM योगी देश के न्यायालय से बड़े नहीं हैं- मौर्य
@SwamiPMaurya का ज्ञानवापी को लेकर बयान
ज्ञानवापी मस्जिद है इसलिए मामला उच्च न्यायालय में है
अगर ज्ञानवापी मंदिर होता तो न्यायालय में यह प्रकरण जाता ही नहीं
विवाद की शुरुआत यहीं से हुई है कि वह ज्ञानवापी मस्जिद है
पांच वक्त की अभी भी उसमें नमाज पढ़ी जाती है
जब तक उच्च… pic.twitter.com/dcYf0AoETB
— News1Indiatweet (@News1IndiaTweet) July 31, 2023
वहीं आपको बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने ये बयान सीएम योगी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है। वहीं उन्होंने कहा है कि किसी भी जिम्मेदार नेता को, मुख्यमंत्री को, मामले के लंबित होने के दौरान ये बात नहीं रखनी चाहिए। ज्ञानवापी मस्जिद है, इसलिए ही ये मामला न्यायलय में गया है। अगर ऐसा नहीं होता तो ये मामला अदालत में जाता ही नहीं। जब तक न्यायालय का कोई निर्णय नहीं आ जाता तब तक ज्ञानवापी मस्जिद हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी न्यायपालिका से बड़े नहीं हैं। थोडा इंतजार करना चाहिए। जब तक मामला लंबित है, सब कुछ उच्च न्यायालय के निर्णय पर छोड़ देना चाहिए।
ज्ञानवापी के सर्वे पर मौर्य ने पहले भी उठाया था सवाल
बता दें कि इससे पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ज्ञानवापी के सर्वे पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने आगे कहा, अगर सर्वे हो रहा है तो सभी हिंदू मंदिरों का होना चाहिए क्योंकि कई हिंदू मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बने हैं। उन्होंने दावा किया कि 8वीं शताब्दी तक बदरीनाथ धाम भी बौध मठ था, आदि शंकराचार्य ने उसे हिन्दू मंदिर बनाया. ऐसे में अगर किसी एक की बात चलेगी तो फिर सभी की बात चलेगी. हम गड़े मुर्दे उखाड़ना नहीं चाहते हैं।