नई दिल्ली। आज संसद के मानसून सत्र का आखिरी दिन है. लोकसभा में गृहममंत्री अमित शाह ने तीन कानूनों को रद्द करने का ऐलान किया है, इसके अलावा CRPC संशोधन बिल को भी पेश किया गया है.
राजद्रोह का कानून खत्म, ऐसे तय होंगे आरोप
लोकसभा में बोलते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि, भारतीय दंड संहिता में बदलाव के लिए एक विधेयक पेश किया जा रहा है. इस विधेयक के जरिए 3 पुराने कानूनों को रद्द करके उसके स्थान पर नया कानून पेश किया गया है. बता दें कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम में संशोधन के लिए लोकसभा में जिन तीन 3 विधेयकों को पेश किया गया है, उसमें राजद्रोह का कानून खत्म होगा. अब इस मामले में धारा 150 के तहत आरोप तय किए जाएंगे. इस धारा में देश की संप्रभुता, एकता और अंखडता को खतरे में डालने का कृत्य माना गया है.
पुराने कानूनों का मकसद न्याय के बजाय दंड देना
बता दें कि 11 अगस्त को सदन में तीन कानून पेश किए गए हैं. इनको भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में सुधार करके पेश किए गए हैं. ये कानून ब्रिटिश काल से देश में लागू थे. अमित शाह ने स्पष्ट किया कि सरकार का लक्ष्य न्याय को सुनिश्चित करना है. शाह ने ये साफ किया कि जिन पुराने तीन कानूनों को निरस्त किया गया, उनको मुख्य फोकस प्रशासन की रक्षा और उनको मजबूती देना था. कानूनों में न्याय नहीं बल्कि दंड देने का विचार था. लेकिन अब उनके स्थान पर लाए गए तीनों कानूनों से देश के नागरिक के अधिकारों की रक्षा होगी.
देश से खत्म होंगी गुलामी की निशानियां
लोकसभा में बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि, सदन में पेश किए गए तीनों नए विधेयकों भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 की जांच के लिए आगे संसदीय पैनल भेजा जाएगा. पीएम मोदी ने 15 अगस्त के दिन लाल किले के प्राचीर से भारत के सामने 5 प्रण रखे थे, उसमें से एक प्रण गुलामी की सभी निशानियों को खत्म करना था. ऐसे में आज जो तीनों विधेयक लाया गया है, वो पीएम मोदी द्वार लिए गए प्रण में से एक को पूरा कर रहा है.