मुरादाबाद। कानून रक्षक ही जब सुनवाई नहीं करेंगे तो बेटियां किस से सुरक्षा की उम्मीद रखेंगी। ऐसा ही एक मामला मुरादाबाद के कुंदरकी इलाके से सामने आए है जिसने एक बार फिर खाकी को दागदार कर दिया और छात्रा को आत्महत्या करने पर मजबूर। दरअसल एक छात्रा ने छेड़खानी और पुलिस के व्यवहार से तंग आकर सुसाइड कर लिया। ये दर्दनाक कदम उठाने से पहले छात्रा ने एक नोट में अपना दर्द बयां किया।
उसने लिखा की मेरे सपने को पूरा नहीं होने दिया गया। मुझे जीने नहीं दिया गया। वहीं छात्रा ने पत्र में हरज्ञान नाम के व्यक्ति को मौत का जिम्मेदार बताया। मैंने पुलिस से बहुत मदद की बहुत गुहार लगाई लेकिन मेरी किसी ने नहीं सुनी, क्योंकि मैं एक गरीब परिवार से हूं।
‘मुझे जीने नहीं दिया गया, क्योंकि…’
यह पूरा मामला मुरादाबाद के कुंदरकी इलाके की है, जहां एक 12 वीं की छात्रा ने लड़की ने छेड़खानी और पुलिस के व्यवहार से परेशान होकर जहर खा लिया। इसके बाद परिजन उसे पास के निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं छात्रा ने मरने से पहले दो पेज का सुसाइड नोट लिखा था।
वहीं परिजनों का कहना है कि हमने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस की लापरवाही के चलते हमारी बेटी की जान चली गई। इसके बाद थाने के एसएसपी ने लापरवाही बरतने के आरोप में थाने के दरोगा को निलंबित कर दिया। फिलहाल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
शिकायत के बाद भी पुलिस ने नहीं लिया एक्शन
छात्रा के पिता ने बताया कि 8 मार्च को होली के दिन युवक विकेश ने घर में घुसकर मेरी बेटी के साथ छेड़खानी की थी। विरोध करने पर युवक हाथापाई पर उतर आया। इस मामले की शिकायत हमने थाने में की, लेकिन पुलिस द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया।
आरोपी के हौसले इतने बढ़ गए की वह छात्रा के घर आकर भी परेशान करने लगा। छात्रा और उसके परिवार पर हंसते हुए तंज कसता था। आरोपी ने छत पर नहाती हुई छात्रा की फोटो ली और उसे ब्लैकमेल करने लगा।
छात्रा ने दो पेज का सुसाइड नोट लिखकर खाया ज़हर
जब छात्रा ने आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाया उस वक्त परिवार के लोग घर पर नहीं थे। वह काम करने खेत गए हुए थे। जब वापस लौटे तो देखा की छात्रा उल्टियां कर रहीं थी। इसके बाद अफरा- तफरी में छात्रा को पास के निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां से छात्रा की हालत गंभीर होने पर उसे कॉसमॉस हॉस्पिटल भेजा गया। सोमवार सुबह करीब 4 बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
छात्रा ने नोट में लिखा था कि गरीबों की कोई नहीं सुनाता। यहीं अमीर परेशान करते है। शिकायत दर्ज कराने जाओ तो भी कोई फायदा नहीं होता है। मेरे जीते जी तो नहीं कम से कम मरने के बाद ही आरोपी को सजा मिलनी चाहिए। क्योंकि मेरे अंदर सामना करने का साहस अब और नहीं हैं।
आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज
वहीं एसपी देहात संदीप कुमार मीना ने बताया कि आरोपी विकेश और इमरत सिंह को गिरफ्तार कर कर लिया गया है। इमरत सिंह रोजगार सेवक है। सोमवार शाम दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां दोनों को जेल भेज दिया गया है, जबकि तीसरे आरोपी हरज्ञान सिंह की तलाश की जा रही है।