Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
2021-22 में 3 लाख लड़कियों ने छोड़ा स्कूल, 2019-20 में ये आंकड़ा 10.3 लाख था

2021-22 में 3 लाख लड़कियों ने छोड़ा स्कूल जबकि 2019-20 में ये आंकड़ा 10.3 लाख था, करीब 2.30 लाख लड़कियां सिर्फ इन 3 राज्यों…

भारतीय सरकार बेटियों की पढ़ाई-लिखाई पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए कई योजनाएं भी चलाई गई है। बेटी बचाव, बेटी पढ़ाव उन्हीं योजनाओं में से एक है। जिसके चलते एक खबर अच्छी सामने आई..पढ़ाई-लिखाई छोड़ने वाली बेटियों के आकड़े अब पहले से सुधरने लगे है।

दरअसल साल 2021-22 में 11 से 14 साल की 3 लाख लड़कियों ने ही स्कूल छोड़ा है। जबकि हम साल 2019-20 की बात करें तो यह आंकड़ा 10.3 लाख था। आपको बता दें पढ़ाई बीच में छोड़ने वाली इन 3.03 लाख में से करीब 2.30 लाख लड़कियां सिर्फ 3 राज्यों UP, गुजरात और असम से हैं।

ये तस्वीर तब की है जब कोरोनाकाल में UP के सरकारी स्कूलों में लड़कियों का रिकॉर्ड दाखिला हुआ था। अब हालात सुधरने के आसार ओर अधिक लगाए जा रहे है। दरअसल 2020-21 में कोरोना के कारण सर्वे नहीं हुआ। वहीं 2018-19 में 13.2 लाख लड़कियों ने पढ़ाई छोड़ी थी।​​​​​

UNICEF के सर्वेक्षण के अनुसार बच्चियों द्वारा बीच में स्कूल छोड़ने कारण

1.33% लड़कियां घरों में घरेलू कार्य करने लगी हैं।

2. कई स्थानों पर यह भी पाया गया कि लड़कियों ने स्कूल छोड़ने के बाद परिजनों के साथ मजदूरी या लोगों के घरों में सफाई करने का काम शुरू कर दिया।

3. 25% लड़कियों की पढ़ाई शादी के कारण छूट गई।

4. ऐसे भी मामले हैं, जिनमें लड़की की बढ़ती उम्र के कारण माता-पिता ने उसकी पढ़ाई बीच में छुड़वा दी।

5. घर में किसी बच्चे का जन्म होने के बाद उसे संभालने के लिए लड़की को पढ़ाई छोड़नी पड़ी, क्योंकि माता-पिता दोनों मजदूरी के लिए बाहर जाते हैं।

55% युवा महिलाएं एक वाक्य तक नहीं पढ़ सकती

अब लड़कियां पढ़े रही है लेकिन चिंता अभी भी कम नहीं हुई है। दरअसल स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या भले बढ़ रही हो, लेकिन भारत में पढ़ाई का स्तर गिर रहा है।

वर्ल्ड बैंक की यह रिपोर्ट के अनुसार भारत में 5 साल स्कूल में पढ़ने के बाद भी 55% युवा महिलाएं एक वाक्य तक नहीं पढ़ सकती हैं। इनमें ऐसे महिलाएं है जो 1990 के बाद पैदा हुई है। जबकि 1960 के दशक में पैदा होने वाली ऐसी 80% महिलाएं एक वाक्य पढ़ने में सक्षम हैं।

आपको बता दें 40 साल तक दुनिया के 80 कमजोर देशों के सर्वे में यह तस्वीर सामने आई है। पेरू और वियतनाम जैसे 14 देशों में ही शिक्षा का स्तर सुधरा है।

थिंक टैंक सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट का शोध

थिंक टैंक सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट के शोध के मुताबिक, कई गरीब देशों में प्राथमिक शिक्षा मुफ्त कर दी गई है, जिससे कक्षाओं में बच्चे बढ़ गए हैं। इससे पढ़ाई की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ रहा है।

वर्ल्ड बैंक की 2017 की रिपोर्ट

वहीं वर्ल्ड बैंक की 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, छोटे बच्चों में सीखने की क्षमता कम होने के लिए खराब पढ़ाई, गैर-प्रभावी शिक्षा नीतियां व खस्ताहाल मैनेजमेंट जिम्मेदार हैं।

कोरोना के दौर में लंबे समय तक स्कूल बंद रहने से पूरी शिक्षा प्रणाली ऑनलाइन मोड में चली गई। इससे भी बच्चों के शैक्षणिक विकास पर असर पड़ा।

 वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, सरकारों को स्कूली बच्चों की संख्या बढ़ाने के साथ ही गुणवत्ता पर भी जोर देना चाहिए।

सर्वे कहता है कि 1960 के दशक में पैदा होने वाली 29% महिलाओं ने ही 5 साल की स्कूली शिक्षा पूरी की, जबकि वर्ष 2000 के बाद पैदा होने वाली ऐसी महिलाओं की संख्या 84% हो चुकी है।

ये भी पढ़े-Gwalior : 3,419 करोड़ का बिजली बिल देखकर अस्पताल में भर्ती हुआ शख्स, लगा गहरा झटका !

Exit mobile version