4 दिसंबर को ढाका में भारत और बांग्लादेश के बीच वनडे सीरीज का पहला मैच खेला गया, ये मैच काफी रोमाचक था, इसमें हिटमैन का सिक्स था,केएल की क्लास थी, कोहली की उड़ती हुई कैच थी, पहली गेंद पर दीपक का विकेट और बहुत कुछ सारे रोमांच से भरा था ये मैच।
कभी लगता कि बांग्लादेश ने भारत को शिकंजे में ले लिया तो कभी ऐसा लगा कि भारत मैच में पूरी पकड़ बना ली है, लेकिन जब 128 से 136 के कुल स्कोर के बीच बांग्लादेश के 5 विकेट गिर गए और कुल 9 विकेट हो गए तब लगभग ये तय ही हो गया था कि भारत इस मैच को जीत चुका है, लेकिन फिर मैच में आता है जबरदस्त ट्विस्ट, जहां 8 रनों में बांग्लादेश ने 5 विकेट खो दिए थे वहीं अब जीत के लिए 51 रन चाहिए थे लेकिन विकेट सिर्फ 1 बचा था वो भी आखरी, सब सोच रहे थे कि भारत के तेज तर्रार गेंदबाजों के आगे बांग्लादेश का सबसे आखिर का यानी 11 वां खिलाड़ी कितनी गेंदों तक ही टिक पाएगा लेकिन शायद इस दिन अलग ही होने वाला था, पिच पर बाग्लादेश की ओर से रन 51 रन बनाने के लिए मेहदी हसन मिर्जा और मुस्ताफिजुर रहमान थे जिसमें से 11 वे नंबर के खिलाड़ी मुस्ताफिजुर रहमान टीम इंडिया के लिए आसान सा शिकार थे मगर इस बार शिकार ही शिकारी पर भारी पड़ गया, टीम इंडिया मेहदी हसन को आउट कर पाई और ना ही मुस्ताफिजुर को, 42वां ओवर दीपक चाहर करने आए जिसकी तीसरी गेंद पर मेहदी का एक कैच जरूर आया था जो आसानी से कोई भी कर सकता था लेकिन विकेटकीपर केएल राहुल काफी समय बाद विकेटकीपिंग कर रहे थे उन्होने इस कैच को ड्रॉप कर दिया बस फिर क्या था दूसरा कैच किसी के पास आया नहीं और भारत ये आसानी से जीता जाने वाला मैच या यूं कहें कि जीता हुआ मैच हार गया।
इस हार के बाद कई लोग केएल राहुल को मैच का विलेन बता रहे हैं लेकिन शायद ये बाताने से पहले वो भूल गए कि इस मैच में अगर भारतीय टीम 186 रन भी बना पाई तो उसका पूरा क्रेडिट केएल राहुल को भी जाता है क्योंकि उन्होने भारत की ओर से सबसे ज्यादा 73 रन बनाए थे।
खैर अब पूरे मैच का हाइलाइट बताते हैं आपको,
टॉस जीता बांग्लादेश के कप्तान लिटन दास ने और गेंदूबाजी का फैसला किया, भारत ने अपनी प्लेइंग 11 में कई बदलाव किए जैसे केएल राहुल को नंबर 5 पर पहुंचा दिया और धवन रोहित की जोड़ी ने पारी की शुरूआत की, इसके अलाना काफी समय बाद भारतीय टीम में केवल एक ही विकेटकीपर बल्लेबाज था और वो थे केएल राहुल, ऋषभ पंत को इसम मैच में मौका नहीं मिला और कुलदीप सेन ने इसी मैच से अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया।
रोहित और धवन की जोड़ी ने पारी की शुरूआत की लेकिन कुछ खास शुरूआत नहीं हो पाई सबसे पहले 23 के कुल स्कोर पर सिर्फ 7 रन बनाकर धवन चलते बने। 11वें ओवर में रोहित ने भी टाटा बायहाय किया और 27 रन बनाकर चलते बने। इसके बाद लिटन दास ने शाकिब की गेंद पर शानदार कैच कर कोहली को भी चलता किया। 20 ओवरों में 92 रनों पर भारत के 4 विकेट थे इसके बाद केएल राहुल आए और एक तरफ से पारी का संभाला लेकिन दूसरी ओर से विकेट अब भी गिर रहे थे, वाशिंगटन सुंदर 33 वे ओवर में 19 रन बनाकर 152 के कुल स्कोर पर शाकिब का शिकार बने, इसके बाद केवल 34 के अंदर-अंदर बाकी की भारतीय टीम भी सिमट गई । शाहबाज अहमद 0, शार्दुल ठाकुर 2 और दीपक चाहर भी 0 पर आउट हो गए। 178 रनों के स्कोर पर राहुल 73 रन बनाकर कैच आउट हो गए फिर 186 रनों पर भारत को मोहम्मद सिराज के रूप में आखरी झटका लगा।
186 रनों पर स्टारों से भरी हुई टीम इंडिया ऑल आउट हो गई लेकिन अभी भी भारत के गेंदबाज उस काबिल थे कि इस हारे हुए मैच को जीत में बदल दें।
दूसरी पारी की शुरूआत हुई नजमुल हुसैन और लिटन दास ने पारी का आगाज किया इधर पहला ओवर करने आए दीपक चाहर और दूसरी पारी की पहली गेंद पर ही नजमुल हुैसैन को आउट कर दीपक ने बांग्लादेश को ये मैसेज दे दिया कि टारगेट चाहे थोड़ा कम हो लेकिन आसानी से बनेगा नहीं। इसके बाद निरंतर बांग्लादेश के विेकेट गिरते रहे, 95 रनो तक पहुंचने में बांग्लादेश ने 4 अहम विकेट खो दिए थे,अनामुल हक 14,लिटन दास 41 और शाकिब अल हसन को विराट कोहली ने उड़ते हुए शानदार कैट करके पवेलियन भेज दिया, इसके बाद 128 के कुल स्कोर पर बांग्लादेश को महमदुल्लाह के रूप में पांचवा झटका लगा, इसके बाद मानों बांग्लादेश की टीम पर काले बादल छा गए हों 128 से 136 तक यानी सिर्फ 8 रनों के लिए बांग्लादेश ने अपने 4 विकेट और खो दिए और और बांग्लादेश को 51 रन बनाने थे ओवरों की कमी नहीं थी लेकिन विकेट सिर्फ एक था और पारी को संभाल रहे थे मेहदी हसन मिर्जा और मिस्ताफिजुर रहमान, दोनों ने काफी सदे हुए तरीके से रनचेस को जारी रखा, मुस्ताफिजुर कम से कम गेंद खेल रहे थे और हसन मिर्जा खुद को ज्यादा स्ट्राइक दे रहे थे भारत को सिर्फ 1 विकेट लेना था और बांग्लादेश को वो विकेट भी बचाना था और 51 रन भी बनाने थे लेकिन तभी मैच में ट्विस्ट आता है और दोनों बल्लेबाज टिक जाते हैं औऱ लगातार जीत की ओर आगे बढ रहे थे, जिन भारतीय गेंदबाजों ने 8 रनो में 5 विकेट गिरा दिए थे वही गेंदबाज 51 रनों में 1 विकेट नहीं ले पाए। हालांकि बीच में 43 वे ओवर की तीसरी गेंद पर दीपक चाहर ने मेहदी हसन को लगभग आउट कर ही दिया था लेकिन केएल राहुल ने आसान सा कैच छोड़ दिया और इसी कैच के साथ भारत ने शायद मैच भी छोड़ दिया क्योंकि इसके बाद विकेट का कोई मौका नहीं मिला और एक समय पर नामुमकिन लग रहे इस रनचेस को मुस्ताफिजुर और मेहदी हसन ने आखिरकार पूरा किया और तीन मौचों की सीरीज में बांग्लादेश को पहली जीत दिलाई।