आज पीएम मोदी ने 2023 के पहले मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह के अनेक पहलुओं की काफी प्रशंसा हो रही है। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी की परेड के दौरान कर्तव्य पथ का निर्माण करने वाले श्रमिकों को देखकर बहुत अच्छा महसूस हुआ। इसके अलावा परेड में पहली बार हिस्सा लेने वाली महिला ऊंट सवार और CRPF की महिला टुकड़ी भी काफी सराहनीय है।
हम एक लोकतांत्रिक समाज-पीएम
वहीं प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को पद्म पुरस्कार पाने वालों के बारे में जानना चाहिए। जनजातीय समुदायों से जुड़ी चीजों के संरक्षण और उन पर शोध किए जाते है। ऐसे ही टोटो, कुइ, हो, कुवी और मांडा जैसी जनजातीय भाषाओं पर काम करने वाले कई महानुभावों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हमें गर्व है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हमारा देश लोकतंत्र की जननी भी है। लोकतंत्र हमारी रगों में, हमारी संस्कृति में है। सदियों से यह हमारे कामकाज का भी अभिन्न हिस्सा है। हम एक लोकतांत्रिक समाज हैं।
अम्बेडकर ने बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना भारतीय संसद से की थी
पीएम मोदी आगे कहा कि डॉ अम्बेडकर ने बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना भारतीय संसद से की थी। उन्होंने उसे एक ऐसी संस्था कह कर संबोधित किया था जहां संकल्प, प्रस्ताव, कोरम और वोटों की गिनती के लिए कई नियम थे। बाबासाहेब अम्बेडकर का मानना था कि भगवान बुद्ध को इसकी प्रेरणा उस समय की राजनीतिक व्यवस्थाओं से मिली होगी। पीएम ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित करने के निर्णय को भारत के प्रस्ताव के बाद लिया है। योग भी स्वास्थ्य से जुड़ा है और बाजरा भी स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिस तरह लोगों ने व्यापक स्तर पर योग और फिटनेस को अपने जीवन का हिस्सा बनाया है उसी तरह लोग बाजरे को भी बड़े पैमाने पर अपना रहे हैं।
ई-कचरे का सही से निपटारा नहीं किया तो…
पीएम ने बताया कि गोवा में दिव्यांगजनों के कल्याण को लेकर पर्पल फेस्ट इवेंट हुआ। यह अपने-आप में एक अनूठा प्रयास था। 50 हजार से भी ज्यादा लोग इसमें शामिल हुए। यहां आए लोग इस बात को लेकर उत्साहित थे कि वो अब ‘मीरामार बीच’ घूमने का भरपूर आनंद ले सकते हैं। वहीं पीएम ने कहा कि ई-कचरा को ठीक से व्यवस्थित नहीं करने पर यह हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर सावधानीपूर्वक इसका उपयोग किया गया तो यह रीसायकल और पुन: उपयोग की परिपत्र अर्थव्यवस्था की बहुत बड़ी ताकत बन सकती है।
हमारे देश में रामसर साइट्स की कुल संख्या 75 हो गई है, जबकि…
वहीं पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के संरक्षण की बहुत बातें होती है। इस दिशा में हम भारत के ठोस प्रयासों के बारे में लगातार चर्चा करते हैं। हमारे देश में रामसर साइट्स की कुल संख्या 75 हो गई है, जबकि 2014 से पहले देश में 6 रामसर साइट्स थीं।