एक बार फिर भारतीय और चीन के सैनिकों में झड़प हुई। दरअसल करीब 300 सैनिकों ने अरूणाचल प्रदेश के तवांग जिले में घूसकर हमला कर दिया। जिसके बाद भारतीय सेना ने भी करारा जवाब दिया। हालांकि इस हमले में हमारे 20 सैनिक घायल हो गए। लेकिन हमारे वीर जवानों ने चीन के 200 से अधिक सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। यह घटना 9 दिसंबर की है जिसपर अब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज बयान दिया है।
न कोई जवान शहीद हुआ और न गंभीर रूप से घायल
उन्होंने बताया कि चीन की ओर से देश की शांति भंग करने और एलएसी पर कब्जा करने की कोशिश की। उन्होंने एक बार फिर अरूणाचल प्रदेश के तवांग जिले निशाना बनाया। लेकिन चीन की इस हरकत का हमारी सेना ने डटकर सामना किया और चीनी सेना को मुंह तोड़ जवाब दिया। यही नहीं भारतीय सेना ने उन्हें अपनी पोस्ट पर वापस जाने के लिए भी मजबूर कर दिया। वहीं इस झड़प में दोनों ओर के सैनिकों को चोटें आई हैं। हालांकि कोई
भी हमारा कोई भी सैनिक शहीद या गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है। वहीं चीनी सेना ने एलएसी का उल्लंघन किया। जिसे हमने कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया है। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाएं वीरता और साहस से हमारी सीमाओं को सुरक्षा रखते हैं। मुझे विश्वास है कि सदन एकुजट होकर हमारी सेनाओं की वीरता और साहस को समझेगा और समर्थन करेगा।
तीनों सेना प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री ने की बैठक
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज तीनों सेना प्रमुखों जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के साथ इस मुद्दे पर चर्चा हुई है। इस बैठक के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) भी मौजूद थे। वहीं विदेश सचिव विनय क्वात्रा और गिरिधर अरमाने भी शिरकत की।