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रेलवे में सफर कर रहे यात्री ही बन गए चोर, तीन माह में 5000 बेडशीट गाय

Indian Railways: रेलवे में सफर कर रहे यात्री ही बन गए चोर, तीन माह में 5000 बेडशीट गायब, 15000 चादर इस्तेमाल से बाहर

ट्रेन की AC बोगी में सफर करने वाले लोगों को संपन्न और सभ्य माना जाता है। लेकिन रेलवे की ओर से जो जानकारी सामने आई है वो काफी चौकाने वाली है। बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे के ट्रेनों की AC बोगियों से 3 महीने में 5000 चादरें चोरी और 15000 चादर कंडम हो चुकी है। जी हां चादर चोरी होने का यह मामला सामान्य श्रेणी के डिब्बों का नहीं है यह वातानुकूलित यानी ऐसी बोगियों का है जहां संपन्न और सभ्य समाज के लोग यात्रा करते हैं। लेकिन रेलवे के इन आंकड़ों ने चौका के रख दिया है।

3 महीने में 5000 चादरें चोरी

सोचिए अगर यही मामला जनरल बोगी में हुआ होता तो अभी तक तमाम पढ़े लिखे और विद्वान वर्ग के लोग इस बोगी में सफर करने वाले लोगों को निम्न और हीन मानसिकता का बता देते। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह की माने तो रेलवे अपने यात्रियों की सुविधा के लिए हमेशा तैयार रहता है लेकिन यात्री अपनी जिम्मेदारियां को नहीं समझ रहे हैं वह रेलवे की संपत्ति को बर्बाद करने में लगे हुए हैं। श्री सिंह ने बताया कि तीन महीना में 5000 चादर चोरी हो गई और 15000 चादर कंडम हो गए यानी यात्री चादर पर ही खाना खाकर गिराना शुरू कर देते हैं। जिससे दाग धब्बे लग जाते हैं और यह चादर कंडम में चला जाता है।

कोच अटेंडेंट ने बयां किया दर्द

हम आपको अब ट्रेन की डिब्बों के अंदर यात्रियों को चादर, कंबल, तकिया, तोलिया व अन्य सुविधाएं मुहैया करने वाले कोच अटेंडेंट से मिलाते हैं। यह कोच अटेंडेंट रेलवे के कर्मचारी नहीं बल्कि रेलवे द्वारा इस काम का ठेका दिए गए कंपनी के लोग होते हैं जो बहुत ही कम तनख्वाह पर काम करते हैं। चादर चोरी के बारे में जब कोच अटेंडेंट से बात की गई तो उनका दर्द भी बाहर आ गया। उन्होंने बताया कि यात्री बिना बताए चादर, कंबल लेकर ट्रेन से उतर जाते हैं। चादर चोरी होने के बाद कंपनी द्वारा उनकी तनख्वाह से चादर और कंबल का पैसा काट लिया जाता है। कोच अटेंडेंट ने बताया की मजबूरी होने की वजह से वह इस काम को करने के लिए मजबूर है।

चादर चोरी होने के मामले में जब आम यात्रियों से गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर बात की गई तो उन्होंने साफ तौर से कहा कि रेल उनकी संपत्ति होती है और उसको बचाना संरक्षित करना हर यात्री की खुद की जिम्मेदारी है। हालांकि एक जनरल बोगी में सफर करने वाले यात्री ने कहा की एसी बोगी में सफर करने वाला यात्री महंगे पैसे खर्च करके टिकट लेता है और उसके बाद चादर चोरी जैसी घटना को अंजाम देता है यह बहुत ही निंदनीय और शर्मनाक है।

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