Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
जालौन: Mid Day Meal में मिलने वाली वायरल शाही थाली का ये है पूरा सच.

जालौन: Mid Day Meal में मिलने वाली वायरल शाही थाली का ये है पूरा सच, NEWS1इंडिया ने की पड़ताल

यूपी के दो स्थानों से अलग-अलग तस्वीरें सामने आई है। जहां एक तरफ प्रदेश के सोनभद्र में बच्चों को नमक रोटी दी जा रही है।  वहीं दूसरी तरफ यूपी के जालौन के ग्राम मलकपुरा के उच्च प्राथमिक विद्यालय कंपोजिट में बच्चों को मिड डे में शाही खाना परोसा जा रहा है। यह दोनों तस्वीरें अलग-अलग जनपद से वायरल हुई है। जिसके बाद बीजेपी और आम आदमी पार्टी में ट्विटर पर तीखी बहस छिड़ गई है। आखिर मिड डे मील में शाही भोजन सच क्या है। शाही भोजन परोसे जाने की क्या हकीकत है। इसकी पड़ताल करने के लिये मीडिया की टीम ग्राम मलकपुरा पहुंची। जहां शाही थाली की हकीकत सामने आ गई।

दरअसल यह शाही थाली सिर्फ माह में एक या दो दिन ही दी जाती है। वो भी तब जब किसी का जन्मदिन हो या शादी की सालगिरह हो। इस पर वही व्यक्ति भोजन की व्यवस्था कराता है।

दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बन जाता

बीते दिनों उत्तर प्रदेश के सोनभद्र से एक तस्वीर सामने आई थी। जहां पर बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी परोसी गई थी। जिसके बाद इस विद्यालय के प्रधानाचार्य पर कार्रवाई की गई। लेकिन इसके बाद 1 सितंबर को दिल्ली बीजेपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने सोशल मीडिया पर जालौन के मलकपुरा उच्च प्राथमिक विद्यालय की तस्वीरें शेयर की। जिसमें सरकारी स्कूल में अच्छा मिड डे दिया जा रहा है। वहीं अगर दिल्ली में यह भोजन दिया जाता तो अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बन गई होती। जैसे ही इन तस्वीरों को ट्विटर पर शेयर हुई। आम आदमी पार्टी और बीजेपी में ट्विटर पर तीखी बहस शुरू हो गई। लेकिन इससे ट्विट का सच क्या था। जिसका रियल्टी चैक किया गया।

इसी बीच गांव के प्रधान अमित द्वारा सच बताया गया कि जो तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है 31 अगस्त की है। इस दिन की भोजन की व्यवस्था सौरभ नाम के व्यक्ति द्वारा व्यक्तिगत कराई गई थी। जिसका जन्मदिन था। वहीं प्रधान अमित द्वारा बताया गया है कि शासन द्वारा मिड डे मील में जो सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। उसमें एड ऑन के तहत इस को जोड़ दिया जाता है। जिससे बच्चों को स्वादिष्ट भोजन मिल सके।

बच्चों ने बताया खाने का सच

उन्होंने बताया कि इसे गुजरात के कांसेप्ट पर लिया गया है। यह केवल उन्हीं की ग्राम पंचायत में लागू हुआ है। जिसे वह व्यक्तिगत तौर पर लागू किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से सोशल मीडिया में तस्वीरें वायरल हो रही हैं। उसे पचड़े में उन्हें नहीं पड़ना है। लेकिन हकीकत यह है कि महीने में दो से तीन या चार बार इस व्यवस्था को वह ऐडऑन के तहत जोड़ते हैं। जिसमें इन्फ्राट्रक्चर सरकारी है। मगर इस तरह के खाने की व्यवस्था व्यक्तिगत तौर पर की जाती है। यह तभी उपलब्ध कराए जाता है। जब किसी की शादी की सालगिरह हो या फिर जन्मदिन हो। इसे मिड डे मील भोजन के साथ लोगों के द्वारा कुछ मदद करके उपलब्ध कराया जाता है।

वहीं जिन बच्चों की तस्वीर वायरल हुई है उन बच्चों का कहना है कि उन्हें माह में एक या दो बार ही इस तरीके का भोजन उपलब्ध कराया जाता है। बच्चों के अनुसार सिर्फ जन्मदिन या शादी की सालगिरह पर ही उन्हें इस तरीके का भोजन दिया जाता है।

ये भी पढ़े-Varanasi: अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट की कथित वसूली लिस्ट, लिस्ट में 21 लोगों नाम, DSP करेंगे जांच

Exit mobile version