बीतों दिनों झांसी के पारीछा थर्मल पावर प्लांट में आए कोयले के ढेर में हीरा जैसा चमकीला पत्थर मिला था। जिसे हीरा मानकर कई कर्मचारी उसे टुकड़ों में तोड़कर ले गए। जब इसकी भनक प्लांट के अफसरों को लगी वह कर्मचारियों के घर पहुंचे और उनसे वह पत्थर छीन लिए। जबकि कई कर्मचारी लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। वहीं मुख्य महाप्रबंधक एमके सचान ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
चमकीला पत्थर या हिरा…
बता दें कि पारीछा थर्मल पावर प्लांट में धनबाद और सिंगरौली से कोयले की आपूर्ति होती है। इस कड़ी में 20 फरवरी की सुबह धनबाद की बीसीसीएल साइट से कोयला की रैक पावर प्लांट पहुंची। नियमानुसार क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम ने इसकी सैंपलिंग की। आउट सोर्स कर्मचारियों की मदद से नमूने लिए गए। इस दौरान टीम के सदस्यों को कोयले के ढेर से करीब दो किलो वजनी चमकीला पत्थर का एक टुकड़ा बरामद हुआ। कर्मचारी इसे हीरा समझकर छु़पा कर बाहर ले गए। इसके बाद इस पत्थर के कई टुकड़े किए और आपस में बांट लिए। फिर सुरक्षा कर्मियों की आंखों से बचाकर प्लांट से बाहर भी निकल लाए।
आधी रात में हुई कर्मचारियों की घर की तलाशी
सोमवार देर रात जब इसकी भनक कोयला डिवीजन के अफसरों को लगी तो दो अफसर अपने साथ कई कर्मचारी लेकर इन लोगों के घर जा पहुंचे। आधी रात में ही इन कर्मचारियों के घरों की तलाशी ही। जहां दो चमकीले टुकड़े मिलने के बाद अफसरों और कर्मचारियों के बीच छीना-झपटी भी हुई। अफसर दोनों पत्थर कर्मचारियों से छीनकर अपने साथ ले गए।
अभी पत्थर के हीरा होने की पुष्टि नहीं हो पाई
वहीं इस मामले पर मुख्य महाप्रबंधक एमके सचान का कहना है कि अभी पत्थर के हीरा होने की पुष्टि नहीं हो पाई है। फिलहाल यह एक आशंका है। चमकीले पत्थर की तलाश के साथ ही पूरे मामले की जांच की जा रही है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।