उत्तर प्रदेश: कानपुर में जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी पर अब शिकंजा और कसता जा रहा है. कानपुर ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सपा विधायक इरफान सोलंकी ने जो प्रमाण पत्र बांग्लादेशी नागरिक डॉ. रिजवान को भारतीय होने का दिया था, उसका प्रयोग उसने आधार कार्ड को अपडेट करने में किया था. दरअसल साल 2021 में 21 नवंबर को आधार में उनका और उनकी पत्नी का पता बदल गया था.
पुलिस कमिश्नर ने आगे बताया, दोनों ने अपना नया पता इंपीरियल रेजिडेंस के तौर पर दर्ज कराया है. अपडेटेड आधार कार्ड का स्क्रीन शॉट प्राप्त हुआ. वहीं मूलगंज के रहने वाले परेड वार्ड से पार्षद मन्नू रहमान ने उनका निवास प्रमाण पत्र जारी किया. पुलिस उन दस्तावेजों को सबूत के तौर पर कोर्ट में पेश करेगी. इस नए पते पर बने आधार के जरिये ही डॉ. रिजवान ने पैन कार्ड, पासपोर्ट, बैंक अकाउंट हासिल कर लिया था.
पुलिस सभी दस्तावेजों को कोर्ट में पेश करेगी
दो साल पहले, सरकार ने स्थानीय खुफिया इकाइयों को संदिग्ध बांग्लादेशियों की जांच करने और रिपोर्ट करने के लिए कहा था. फिर दो महीने की जांच के बाद इकाइयों ने लिखित में दिया था कि शहर में कोई भी संदिग्ध बांग्लादेशी या रोहिंग्या नहीं है. लेकिन अब बांग्लादेशी नागरिक के पकड़े जाने के बाद खुफिया जांच सवालों पर सवाल उठ रहे है.
भारतीय नागरिकता पाने बनने के लिए सपा MLA का सपोर्ट
बताया जा रहा है कि बांग्लादेशी नागरिक ने भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए सपा विधायक इरफान सोलंकी और पार्षद मन्नू की मदद ली थी. दोनों से प्रमाण पत्र बनवाने के बाद सबसे पहले यहां निवास प्रमाण पत्र बनवाया. फिर इसके बाद उन प्रमाण पत्रों के माध्यम से आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता प्राप्त किया.
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