Kanwar Yatra 2022: गुरु पूर्णिमा के बाद शुरू हुई श्रावण मास की कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) मंगलवार को शिवरात्रि के दिन जलाभिषेक के साथ समाप्त हुई. मंगलवार को भी 30 लाख शिव भक्त गंगा जल उठाकर अपने-अपने राज्यों के लिए रवाना हुए.
इन 13 दिवसीय कांवड़ यात्रा के दौरान 3 करोड़ 80 लाख 70 हजार कांवड़ियों ने गंगा जल उठाया है. दरअसल, कांवड़ यात्रा 14 जुलाई से शुरू हुई थी और 13 जुलाई की पूर्व संध्या पर बड़ी संख्या में कांवड़िये हरिद्वार पहुंचने लगे. इसके लिए हाईवे से शहर तक यातायात प्लान लागू की गई.
दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर पैदल कांवड़ (Kanwar Yatra) तक यातायात व्यवस्था सामान्य रही, लेकिन 20 जुलाई से डाक कांवड़ियों की आवाजाही शुरू हो गई थी. फिर 22 जुलाई से हाईवे के दोनों किनारों पर कांवड़ियों का कब्जा था. दिन-रात कांवड़ यात्रा चली और डीजे का शोर भी नहीं थमा.
डाक कांवड़ (Kanwar Yatra) के अंतिम तीन दिनों के दौरान हर तरफ कांवड़ियों का जमावड़ा कायम रहा. इसके साथ ही बैरागी कैंप से लेकर हरकी पैड़ी और आसपास के घाट और लिंक रोड तक सिर्फ कांवड़ियां ही नजर आ रहे थे. इतना ही नहीं, वीआईपी घाट पर भी कांवड़ियों का पूरा कब्जा रहा.
जिसके बाद मंगलवार को शिवरात्रि (Shivratri) के साथ कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) सकुशल संपन्न हो गई. जिसके बाद प्रशासन और पुलिस ने राहत की सांस ली. बुधवार से बाहरी जिलों से निष्पक्ष ड्यूटी पर आए पुलिस व केंद्रीय सुरक्षा बलों की रवानगी शुरू हो जाएगी.
ये भी पढ़ें – Kanwar Yatra 2022: सावन का महीना, हरिद्वार में उमड़ा कांवड़ियों का सैलाब, अलर्ट मोड पर पुलिस-प्रशासन