Lakhimpur Kheri Case: आशीष मिश्रा को SC से मिली 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत, यूपी सरकार ने जताया था विरोध

Lakhimpur Kheri Case: लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को बुधवार सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत मिश्रा और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने 25 जनवरी को यह फैसला सुनाया. यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को जमानत देने का विरोध किया था.

योगी सरकार की दलील थी कि यह बेहद गंभीर मामला है और आरोपियों को जमानत देने से समाज में गलत संदेश जा सकता है. आशीष मिश्रा एक साल से ज्यादा समय से न्यायिक हिरासत में है. आपको बता दें कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई थी. उस दौरान प्रदर्शनकारी किसान यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की रैली का विरोध कर रहे थे.

यूपी पुलिस की एफआईआर के मुताबिक थार एसयूवी ने 4 किसानों को कुचल दिया, उसमें आशीष मिश्रा भी बैठे थे. किसानों को कुचलने की घटना के बाद आक्रोशित किसानों ने एक चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी. जबकि एक पत्रकार की भी जान चली गई. अजय मिश्रा के साथ साथ अंकित दास, लतीफ काले, नंदन सिंह बिष्ट, सत्य प्रकाश त्रिपाठी, आशीष पांडे, शेखर भारती, लवकुश राणा, सुमित जायसवाल, शिशु पाल, रिंकू राणा, उल्लास कुमार त्रिवेदी और धर्मेंद्र बंजारा शामिल हैं. ये सभी आरोपी जेल में बंद हैं.

निचली अदालत ने मिश्रा समेत 13 आरोपियों पर लगाया चार्ज

लखीमपुर खीरी कांड में निचली अदालत ने 6 दिसंबर 2022 को अजय मिश्रा समेत 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या, किसानों की मौत में आपराधिक साजिश रचने जैसे आरोप तय किए थे. आशीष मिश्रा समेत 13 आरोपियों पर आईपीसी की धारा 147-148 के तहत दंगा भड़काने, आईपीसी की धारा 302, 307 यानी हत्या का प्रयास, 326 यानी जानबूझकर खतरनाक हथियार से मौत कारित करने का आरोप लगाया गया है. चार्जशीट में सभी आरोपियों पर मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 120बी और धारा 177 के तहत आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है.

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