लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के वजीर हसनगंज रोड पर एक रिहायशी इमारत गिरने से हड़कंप मच गया था.इमारत के गिरने से कई लोग इसके मलबे में दबकर घायल हो गए थे. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर बिल्डिंग के मलबे से 14 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. मलबे से एक महिला का शव बरामद किया गया था. जबकि इलाज के दौरान दो महिलाओं की मौत हो गई थी, मृतकों की कुल संख्या 3 हो गई.
अलाया अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को मंडलायुक्त रोशन जैकब ने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था. अलाया अपार्टमेंट के सभी निवासी अपना बयान दर्ज कराने के लिए संभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंचे. पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट ढहने के बाद तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया, जिसमें लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त और पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर को जांच कर शासन को अवगत कराने की जिम्मेदारी दी गई, पूरे मामले में अभी तक 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
अभी तक हुई जांच में यह साफ हुआ है कि अपार्टमेंट के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था. लोगों ने बताया की बहुत हल्के कंक्रीट के खंभे बनाए गए थे, जिससे इमारत लंबे समय तक पांच मंजिला इमारत का भार नहीं उठा सकी. स्थानीय लोगों के मुताबिक बेसमेंट में काम भी कराया जा रहा था जिस वजह से यह बड़ा हादसा हुआ था. अलाया अपार्टमेंट के मलबे में अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के कीमती सामान, कैश, जेवरात और जरूरी कागजात गायब हो गए हैं.
लोग बयान दर्ज कराने पहुंचे कमिश्नर कार्यालय
इसके बाद जब वह मंडल आयुक्त के कार्यालय बयान दर्ज कराने पहुंचे तो मंडलायुक्त को बताया कि कितने लोग अपार्टमेंट में रहते थे. लोगों का क्या क्या सामान अपार्टमेंट में था क्या सामान उन्हें मिला है और क्या जरूरी कागजात जो वहां रखे थे वह अभी तक नहीं मिल पाए हैं. उसके अलावा अपार्टमेंट में जिस समय हादसा हुआ कितने लोग मौजूद थे. तमाम चीजों को लेकर बयान दर्ज कराए गए हैं. फहद यजदानी के ऊपर भी गंभीर आरोप लगे है. याजदानी ने वीडियो जारी करके कहा था कि उनको इस मामले में बेवजह फंसाया जा रहा है. अलाया अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों ने जब आज मंडलायुक्त को अपने बयान दर्ज कराए हैं उसके बाद जांच कमेटी क्या कुछ शासन को रिपोर्ट सौंप देगी यह देखने वाली बात होगी.
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