महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार बनने के बाद भी सियासी उथल-पुथल रुकने का नाम नहीं ले रही है..दरअसल महाराष्ट्र विधानमंडल सचिव राजेंद्र भागवत ने दोनों पक्षों की शिकायत मिलने पर शिवसेना के दोनों गुटों के 53 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है..
कारण बताओ नोटिस जारी
आपको बता दें कि ये नोटिस विधानसभा में बहुमत परीक्षण के दौरान व्हिप के उल्लंघन के आरोप में अयोग्यता कानून के तहत जारी किया गया है..इस नोटिस के मुताबिक सभी को एक सप्ताह के भीतर जवाब देना है..ये मामला ऐसे समय पर सामने आया है जब सुप्रीम कोर्ट में समवार को महाराष्ट्र के मसले पर अहम सुनवाई होनी है..
शिंदे कैंप के 39 और उद्धव गुट के 14 विधायक शामिल
जानकारी के मुताबिक जिन विधायकों को नोटिस जारी किया गया है..उनमें शिंदे कैंप के 39 और उद्धव गुट के 14 विधायक शामिल है.. शिंदे गुट ने व्हिप के उल्लंघन के आरोप में बागी विधायकों पर अयोग्यता की कार्रवाई की मांग की थी..इस लिस्ट आदित्य ठाकरे का नाम शामिल नहीं है..
दरअसल 4 जुलाई को सदन में विश्वास मत से पहले एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने एक लाइन का व्हिप जारी किया था..जिसमें शिवसेना विधायकों से सरकार के पक्ष में वोट देने के लिए कहा था..वहीं उद्धव ठाकरे गुट के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने भी इसी तरह का व्हिप जारी किया..लेकिन सरकार के खिलाफ वोट देने का निर्देश दिया..
164 विधायकों के बहुमत से विश्वास मत जीता
वोटिंग के दौरान शिंदे ने 164 विधायकों के बहुमत से विश्वास मत जीत लिया. शिंदे के पक्ष में शिवसेना के 40 विधायकों शामिल थे..जबकि पार्टी के 15 विधायकों ने विपक्ष में वोट दिया था.. इसके बाद गोगावले ने स्पीकर को अर्जी देकर विपक्ष में वोट देने वाले 14 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग कर दी..
वहीं उद्धव खेमे की तरफ से 39 विधायकों पर अयोग्यता कार्रवाई की मांग की गई..इसी के बाद अब विधानसभा के प्रधान सचिव की तरफ से नोटिस जारी..
प्रत्येक विधायक को नोटिस जारी
शिवसेना के 53 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने पर पर महाराष्ट्र विधानमंडल सचिव राजेंद्र भागवत ने कहा, “जब भी हमें कोई आवेदन मिलता है तो हमें उस पर कार्रवाई करनी होती है इसलिए प्रत्येक विधायक को नोटिस जारी किया गया है जिसके खिलाफ आवेदन किया गया था।”