यूपी में गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और उसके भाई अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) पर गैंगस्टर एक्ट के तहत फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाने के साथ ही उसपर 5 लाख का जुर्माना लगाया गया। वहीं उसके भाई अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई गई है साथ ही 1 लाख का जुर्माना लगाया गया है। लेकिन कहा जा रहा है कि मुख्तार अंसारी MP-MLA कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में जा सकते हैं।
किस केस में हुई मुख्तार अंसारी को सजा
बता दें कि साल 2005 में हुई बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय सहित 7 लोगों की हत्या का आरोप है। बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद 2007 में अफजाल और माफिया मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इस मामले पर गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट में साल 2012 में ट्रायल शुरू हुआ था। जिसपर आज फैसला आया है।
राय के शरीर से निकाली 67 गोलियां
गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के अपराधों की लिस्ट इतनी लंबी है कि बताते-बताते कई दिन बीत जाएंगे। 29 जून 2005 को मुहम्मदाबाद से बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या की गई थी। हत्यारों ने 400 राउंड फायरिंग की थी। इस घटना में उनके 6 साथी भी मारे गए थे।
वहीं पोस्टमॉर्टम के दौरान राय के शरीर से 67 गोलियां निकाली गईं। उनकी हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी और उसके भाई पर लगा था। इसके बाद साल 2007 में फजाल अंसारी, मुख्ता र अंसारी और उनके बहनोई एजाजुल हक के खिलाफ गैंगस्टेर एक्टा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इस केस पर गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में 1 अप्रैल को बहस पूरी हुई थी, लेकिन सुनाने के लिए 29 अप्रैल की तारीख तय की गई।
दोनों भाई कृष्णानंद राय मर्डर केस में बरी
बता दें कि मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी दोनों भाई कृष्णानंद राय मर्डर केस में बरी किया जा चुका हैं। अब उन्हें गैंगस्टर केस में सजा सुनाई गई है। परिजनों की माने तो दोनों भाई कृष्णानंद राय मर्डर केस में रसूख का इस्तेमाल कर गवाहों पर दवाब बनाया और गवाही नहीं होने दी। जिसके चलते अदालत ने उन्हें बरी कर दिया।