मुंबई: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मुंबई हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है। दरअसल हाईकोर्ट ने नारायण राणे को अपने जुहू वाले बंगले पर हुए अवैध निर्माण को दो सप्ताह के अंदर गिराने का आदेश दिया है। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने जुहू में स्थित अपने बंगले का अवैध निर्माण गुरुवार से खुद हटाना शुरू कर दिया है। मुंबई नगर निगम का बुलडोजर पहुंचने से पहले ही नारायण राणे ने यह कार्यवाही शुरू कर दी। जिसके बाद अवैध निर्माण पर बीएमसी की कार्रवाई की फिलहाल रुक गई है।
जानकारी के अनुसार नारायण राणे ने मुंबई में जुहू इलाके में स्थित अपने बंगले में कोस्टल रेगुलेशन जोन (सीआरजेड) कानून का उल्लंघन करते हुए अवैध निर्माण किया था। इसकी शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता संतोष डांडेकर ने बीएमसी से की थी। 4 मार्च 2022 को बीएमसी ने राणे परिवार को नोटिस भेज कर अवैध निर्माण को लेकर सवाल किए थे, जिसके जवाब में राणे परिवार ने अपने वकील के माध्यम से निर्माण को वैध होने का दावा किया था, लेकिन BMC ने उस दावे को स्वीकार नहीं किया।
इस अवैध निर्माण को हटाने के लिए बीएमसी ने राणे को नोटिस जारी किया, जिसे राणे की ओर से हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने बीएमसी के नोटिस को सही ठहराया और अवैध निर्माण तोड़ने का आदेश जारी कर दिया। इस आदेश के बाद नारायण राणे ने इसी मामले को लेकर हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की, जिससे कोर्ट नाराज हो गया। कोर्ट ने नारायण राणे पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए बीएमसी को तुरंत अवैध निर्माण तोड़ने का आदेश दिया। जिसके बाद नारायण राणे ने अवैध निर्माण बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा हाथ लगी। इसी वजह से गुरूवार को नारायण राणे ने अपने आलीशान बंगले में हुए अवैध निर्माण गिराना शुरू कर दिया।