नोएडा (गौतमबुद्ध नगर)। सुपरटेक-एमरॉल्ड कोर्ट के निर्माण के दौरान हुए फर्जीवाड़े मामले में हाउसिंग भूखंड पर बने अवैध टॉवरों को एनओसी देने वाले तीन तत्कालीन मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। तीनों सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
सुपरटेक ट्विन टावर को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दिए जाने के मामले में अग्निशमन विभाग के तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों के खिलाफ नोएडा फेस-2 थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के आदेश के बाद की गई।
सुपरटेक ट्विन टावर मामले में राज्य शासन ने सितंबर 2021 में जांच के आदेश दिए थे। आरोप यह था कि सुपरटेक ट्विन टावर को एनओसी दिए जाने में अनियमितताएं बरती गई हैं। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इस मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था। इसमें डीआईजी आकाश कुलहरि, डायरेक्टर जेके सिंह और अनिमेष कुमार शामिल थे। कमेटी ने मामले की जांच पूरी करने के बाद अपनी रिपोर्ट राज्य शासन को भेज दी।
रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य शासन ने नोएडा के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह को इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए। इसके बाद नोएडा फेस 2 के थाना प्रभारी योगेंद्र चौरसिया ने नोएडा में रह चुके पूर्व मुख्य अग्निशमन अधिकारी राजपाल त्यागी, महावीर सिंह और आईएस सोनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। यह तीनों अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। रिपोर्ट भारतीय दंड संहिता की 217 और 11 उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण /अग्नि सुरक्षा अधिनियम 2005 के तहत दर्ज कराई गई है।