संसद में मानसून सत्र के पहले दिन मणिपुर में नग्न अवस्था में महिला को परेड कराने का मामला सुर्खियों में रहा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मन में पीड़ा और क्रोध दोनों हैं। कोई भी सभ्य समाज इस तरह की बर्दशत नहीं कर सकता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मामला चाहे राजस्थान का चाहे राजस्थान का हो, छत्तीसगढ़ का हो, झारखंड का हो या मणिपुर का हमें इन घटनाओं पर लगाम लगाना ही होगा। वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिंदबरम ने मणिपुर मामले को लेकर राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता ने मणिपुर की स्थिति पर सवाल उठाके हुए कहा कि जातीय सफाया पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा, मणिपुर सरकार नाकाम हो गई। उन्होंने बीजेपी के दूसरे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के आरोपों पर भी जवाब दिया और कहा कि इसकी तुलना मणिपुर से कैसे का जा सकती है।
Let's admit that there were incidents of violence against women in Bihar, West Bengal and Rajasthan
How does that excuse the continuing and relentless violence in Manipur?
Are there any Kukis left in the valley? Are there any Meiteis left in Churachandpur and other hill…
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 23, 2023
चिदंबरम ने ट्वीट कर लिखा , “चलिए माने लेते हैंकि बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में महिलाओं के खिलाप हिंसा की घटनाएं हुई। ये मणिपुर में लगातार जारी क्रूर हिंसा को कैसे माफ करता है? कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या घाटी में कोई कुकी बता है? क्या चुराचांदपुर और मणिपुर के अन्य पहाड़ी जिलों में कोई मेइती बचा है? यदि रिपोर्ट सच है, मणिपुर में जातीय सफाया लगभग पूरा हो चुकी है।”
चिंदबरम ने आगे कहा, “वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन पर, मणिपुर में संवैधानिक सरकार का पतन हो गया है। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों की हुकूमत उनके घरों और दफ्तरों से आगे नहीं चलती। मणिपुर की स्तिति की तुलना बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान की स्थिति से कैसे की जा सकती है? केंद्र सरकार न केवल अक्षम और पक्षपातपूर्ण रही है, बल्कि जब वह घृणित तुलनाओं के पर्दे के पीछे छिपती है तो वह संवेदनहीन और क्रूर भी होती है।”