Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
BJP पर अखिलेश यादव का बड़ा आरोप कहा-'थाने, तहसील और कलेक्ट्रेट बने भ्रष्टाचार के अड्डे'

BJP पर अखिलेश यादव का बड़ा आरोप कहा-‘थाने, तहसील और कलेक्ट्रेट बने भ्रष्टाचार के अड्डे’

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव फिर चर्चा में दिखाई दिए है। सोमवार को अखिलेश ने बीजेपी पर तीखे बयान देते हुए आड़े में लिया है। अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा की- ‘बीजेपी राज में थाने, तहसील व कलेक्ट्रेट भ्रष्टाचार के अड्डे बना दिये गये हैं’। साथ ही सपा मुख्यालय से अखिलेश ने ये भी कहा की बीजेपी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति महज दिखावा है’। अखिलेश ने आरोप लगाया कि ‘सत्ता के संरक्षण में प्रशासन निर्दोषों, गरीबों का उत्पीड़न करने में लग गया है और किसानों पर बुलडोजर चल रहा है’.

यादव ने आरोप लगाया कि झूठ के सहारे अभी से उपलब्धियां गिनाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी राज में ‘दावों का फरेबी ताजमहल’ गढ़ने का कोई हिसाब नहीं है. सपा नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की पिछली सरकार में पांच लाख नौकरियां दिये जाने का दावा किया गया था, जिसके आंकड़े आज तक सार्वजनिक नहीं किये गये कि किसको, कहां नौकरी मिली? उन्होंने कहा कि अब बीजेपी सरकार 100 दिन में 10 हजार नौकरियां देने का वादा कर रही है जबकि इनकी करनी और कथनी को सभी ने देखा है.

बीजेपी सरकार की नयी घोषणाएं महज झांसा हैं- अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने दावा किया कि बीजेपी सरकार की नयी घोषणाएं महज झांसा हैं और युवाओं की नौकरी, रोजगार के प्रति बीजेपी सरकार पूरी तरह संवेदनशून्य है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी के कारण नौजवान आत्महत्या करने को मजबूर हैं. यादव ने सवाल उठाया कि ‘सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास’ के नारे से लोगों को गुमराह करने में माहिर बीजेपी नेतृत्व को इस बात का जवाब देना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में नफरत फैलाकर क्यों अत्याचार को छूट दे रखी है? यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी का एजेंडा समाज को बांटकर अपना राजनीतिक स्वार्थ साधना है.

Exit mobile version