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सियासत की लड़ाई... खैनी, गुटका वोदका तक आई, सुब्रत पाठक और अखिलेश

सियासत की लड़ाई… खैनी, गुटका वोदका तक आई, सुब्रत पाठक और अखिलेश यादव आमने-सामने

उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के परिणामों के बाद एक बार फिर से बयानबाजी तेज हो गई है। सियासत की ये लड़ाई खैनी, गुटका वोदका तक पहुंच गई है। इसी कड़ी में बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आमने-सामने हैं। ये लड़ाई तब शुरू हुई जब अखिलेश मैनपुरी संसदीय सीट के उपचुनाव में पत्नी डिंपल यादव की जीत के बाद इटावा सफारी पार्क के भ्रमण पर पहुंचे थे। जहां अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कन्नौज से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रत पाठक पर सीधा हमला बोला और कहा कि खैनी और पान खाकर लोकतंत्र के मंदिर में प्रवेश करने वालों से जनता विकास की उम्मीद नहीं कर सकती है।

‘खैनी छोड़ कर कन्नौज के विकास पर ध्यान दें’

वहीं सपा अध्यक्ष ने कन्नौज के सांसद के बयान कि शिवपाल सिंह यादव को सपा से इसलिए हटाया था क्योंकि वह गुंडे है और गुंडों को पार्टी में जोड़ रहे थे पर जवाब देते हुए कहा कि “ सबसे पहले सुब्रत पाठक को ये खैनी खाना छोड़ देना चाहिए।

वह खैनी खाकर विधानसभा में बैठते हैं जिस कारण में कोई भी विकास की बात नहीं करते। इसलिए मैं उनसे कहना चाहता हूं कि वह खैनी खाना छोड़ दे और कन्नौज के विकास पर ध्यान दें’’

‘वोदका पीना छोड़ दें ताकि उनकी बुद्धि ठीक रहे’

वहीं अखिलेश के तंज पर अब बीजेपी सांसद सुब्रत पाठक ने पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि अच्छा होगा कि अखिलेश यादव वोदका पीना छोड़ दें ताकि उनकी बुद्धि ठीक रहे। सांसद सुब्रत पाठक अखिलेश के बयान पर आगे कहा कि पान का प्रयोग तो हिंदुओं की पूजा में भी होता है।

वहीं इसमें सुपारी, इलायची, कत्था, लौंग और कन्नौज के पवित्र फूलों के इत्र पड़ते है। उन्होंने कहा कि अच्छा हो कि अखिलेश यादव वोदका पीना छोड़ दें, ताकि उनकी बुद्धि ठीक रहे। उन्होंने आगे कहा कि अखिलेश के से जुड़े बहुत से किस्से आज भी कन्नौज में हैं।

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