President Election 2022: उत्तर प्रदेश में इन दिनों राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है.समाजवादी पार्टी के अपने सहयोगी जब पार्टी से दूर हो रहे हैं, तो वही “बेगाने” करीब आ रहे है. विधानसभा चुनाव में सपा के साथ खड़ी ओम प्रकाश राजभर की पार्टी SBSP और अखिलेश यादव के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा . वहीं चाचा शिवपाल यादव ने भी राष्ट्रपति पद के लिए NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समार्थन देने का ऐलान किया हैं। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के पक्ष में सपा और कांग्रेस एक साथ हैं।
2024 में बन सकते हैं यूपी में नए राजनीतिक समीकरण
ऐसा माना जा रहा है कि साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में यूपी में नए राजनीतिक समीकरण बन सकते हैं. इसके संकेत राष्ट्रपति चुनाव से दिखने लगे हैं. हाल ही में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लखनऊ में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के पक्ष में डिनर का आयोजन किया, लेकिन इसमें न तो ओम प्रकाश राजभर को बुलाया गया न ही शिवपाल यादव को. वहीं सपा के इस डिनर में कांग्रेस की नेता और विधायक अराधना मिश्र मोना शामिल हुईं.
वहीं दूसरी तरफ NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में सीएम योगी ने भी एक डिनर का आयोजन किया. इसमें शिवपाल यादव और ओमप्रकाश राजभर शामिल हुए. शिवपाल यादव ने तो द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान भी कर दिया. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीएम योगी ने मुझसे द्रौपदी मुर्मू के लिए वोट देने को कहा था और मैंने फैसला किया है कि मैं उन्हें वोट दूंगा. वहीं, SBSP प्रमुख ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि वो अखिलेश यादव से ‘तलाक’ मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
अब ऐसे में कांग्रेस और सपा के बीच दूरी कम होती दिख रही है. हाल ही में जब यूपी विधानसभा में सपा का नेता प्रतिपक्ष का दर्जा खत्म हुआ तो समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया. कांग्रेस के पूर्व एमएलसी दीपक सिंह ने इसे नियम विरुद्ध बताया. वैसे भी साल 2017 में हुए के विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस साथ थीं. हालांकि उसके बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए. लेकिन एक बार फिर से दोनों पार्टियों के बीच राजनीतिक दूरी घटती दिख रही है.