राजस्थान में सियासी जारी उतार चढ़ाव के बीच एक और खबर सामने आई है। दरअसल जानकारी मिली है कि अब दिल्ली से 2 नए पर्यवेक्षक राजस्थान आ रहे है। सूत्रों के मुताबिक जब भी विधायक दल की बैठक होगी तो ये पर्यवेक्षक अकेले में एक-एक विधायक से मिलेंगे। क्योंकि ऐसी बात सामने आ रही है कि कई विधायकों ने अजय माकन को फोन किया तो उन्होंने इस्तीफों पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाने की बात कही है।
इसलिए अब कांग्रेस हाईकमान ने 2 नए पर्यवेक्षकों को भेज है जो एक-एक विधायक से अकेले में मिलकर उनकी राय जानने की कोशिश करेंगे। लेकिन एक बात तो तय है कि किसी भी दबाव में आकर 92 विधायक एक साथ इसतीफों पर हस्ताक्षर नहीं कर हैं। आखिर क्या सच है, और वास्तव में विधायकों की निष्ठा कहा है। इन सारे सवालों के जवाब अगले कुछ दिनों में मिलने की संभावना है।
वहीं दूसरी ओर खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज किसी भी वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। जिसमें वो मौजूदा घटनाक्रम को लेकर अपनी मन की बात कह सकते है। इस सियासी हचलच के बाद अब लोगों में इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर उत्सुकता नजर आ रही है। क्या अशोक गहलोत धारीवाल के स्टैंड को समर्थन करेंगे।
हालांकि राजस्थान के घटनाक्रम से सोनिया गांधी बेहद आहत है। क्योंकि जिस राजस्थान पर उन्हें सबसे ज्यादा भरोसा था। वहीं संकट की हर घड़ी में वे अशोक गहलोत के राजस्थान की ओर देखते थे। लेकिन अब उसी राजस्थान से जाने अनजाने में कांग्रेस हाईकमान का सार्वजनिक अपमान हुआ। क्योंकि इस अवसर का लाभ उठाकर दिल्ली में भी सीएम गहलोत के विरोधी सक्रिए हुए हैं।