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Rajasthan Politics: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से इसलिए पीछे हटे CM

Rajasthan Politics: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से इसलिए पीछे हटे CM गहलोत, बताई बागी विधायकों की नाराजगी की वजह…

महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश में हुए सियासी हंगामे के बाद खुलकर बोलते नजर आए। दरअसल जब उनसे पूछा गया कि क्या सब ठीक है तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि एक लाइन का प्रस्ताव तक पारित नहीं हो पाया। इसका मुझे भी बेहद दुख है कि मैं सीएम हूं लेकिन में प्रस्ताव पारित नहीं करवा पाया। इसलिए मैंने सोनिया गांधी से माफी भी मांगी है।

मैं उसकी जिम्मेदारी लेता हूं

जब उनसे पूछा गया कि ऐसी स्थिति क्यों आई। तो इसपर उन्होंने कहा कि ‘मैंने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा को विधायकों को समझाने के लिए भेजा था। लेकिन वे बहुत नाराज थे। दरअसल मैंने 2020 में उनसे वादा किया था कि मैं आपका अभिभावक बनूंगा। लेकिन अब उन्हें चिंता थी कि राजस्थान में अकेले रहने से उनका क्या होगा। मैं विधायक दल का नेता हूं। इस नाते से मैं उसकी जिम्मेदारी लेता हूं।’ आपको बता दें कि 2020 में तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने विधायकों के साथ बगावत कर दी थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री गहलोत से नाराज होकर मानेसर चले गए थे। लेकिन आलाकमान के निर्देश पर पायलट वापस आ गए।

अध्यक्ष पद की रेस में खड़गे एकतरफा जीतेगें’

सीएम गहलोत ने कहा कि ‘विधायकों ने सोचा कि दूसरों को स्वीकार करने से बेहतर है कि बगावत करदें। उन्होंने पायलट खेमे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ‘सभी जानते हैं कि कुछ विधायक अमित शाह, जफर इस्लाम व धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठे थे। बीजेपी सरकार गिराने की कोशिश में है।

वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव पर गहलोत ने बोलते हुए कहा कि शशि थरूर अच्छे उम्मीदवार हैं। क्योंकि ‘हमने उन्हें यूएन महासचिव का चुनाव लड़ने के तरीके से देखा है। वह कुलीन वर्ग से ही आते हैं। लेकिन बात ये है उनके पास खड़गे जैसा अनुभव नहीं है। क्योंकि खड़गे 11 बार चुनाव जीत चुके हैं। वो अपने अनुभव से बूथ और ब्लॉक स्तर पर पार्टी को मजबूत कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ‘ मुझे लगता है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव में खड़गे एकतरफा जीत हासिल करेंगे।’

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