राजस्थान में सियासी घमासान जारी है। इसी बीच हाईकमान ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। जिसे देखते हुए एक बार इस विवाद को टालने के लिए जल्द एक्शन लिया गया है। आपको बता दें कि अध्यक्ष पद पर हो रहे चुनाव को लेकर आज का दिन काफी अहम माना जा रहा है। दरअसल राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के आज दिल्ली दौरे पर जाने की बात सामने आ रही है।
कौन होगा अध्यक्ष पद का उम्मीवार
जानकारी के मुताबिक अध्यक्ष पद पर नॉमिनेशन के लिए आज नाम फाइनल हो सकता है। राजस्थान विवाद के बाद अध्यक्ष पद पर नॉमिनेशन के लिए नए सिरे से कई नाम सुर्खियो में हैं। लेकिन कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग अब भी गहलोत के पक्ष में नजर आ रहा है।हालांकि गहलोत को लेकर अब भी तस्वीरें साफ नहीं हुई है। विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के बाद पर्यवेक्षकों ने सोनिया गांधी को रिर्पाट सौंपी थी जिसमें अशोक गहलोत को क्लीन चीट दे दी है। हालांकि गहलोत के तीन समर्थकों को कारण बताओ भेज कर 10 दिन तक जवाब तलब किया है।
30 सितंबर नामांकन की आखिरी तारिख
वहीं आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद पर 30 सितंबर तक नामांकन भरे जाएंगे। लेकिन अभी तक कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण से केवल दो नॉमिनेशन फॉर्म लिए गए है। जो शशि थरूर और कोषाध्यक्ष पवन कुमार बंसल ने लिए है। हालांकि खबर मिल रही है कि पवन बंसल नॉमिनेशन भरने से मना कर चुके हैं। उन्होंने हाईकमान के नेताओं के इशारे पर ही नॉमिनेशन फॉर्म लेकर रखा है।
राजस्थान विवाद के कारण अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद की रेस से बाहर मान लिया था। लेकिन कल रात से फिर से उनका नाम चर्चाओं में है। क्योंकि कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग गहलोत के नाम ले रहा है। यहां तक गहलोत के दिल्ली दौरे के कार्यक्रम को भी अध्यक्ष पद के नॉमिनेशन से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि इसपर शाम तक स्थिति साफ हो जाएगी।
गहलोत ने नहीं लिया नॉमिनेशन फॉर्म
गहलोत ने मंगलवार की शाम जयपुर में विधायकों से मुलाकात की थी। लेकिन इस दौरान उन्होंने नॉमिनेशन को लेकर कोई बात नहीं की। वहीं गहलोत ने बीते दिनों विधायक दल की बैठक में कहा था कि मैं अगर अध्यक्ष चुनाव लड़ा तो सबको दिल्ली चलना होगा। लेकिन गहलोत की तरफ से अब तक अभी तक नॉमिनेशन फॉर्म भी नहीं लिया है।
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