अपनी कॉमेडी से सबको हंसाने वाले मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनका जन्म 25 दिसंबर 1963 को यूपी के कानपुर में हुआ था। 58 साल की उम्र में इस हास्य कलाकार का निधन हो गया है।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘राजू श्रीवास्तव ने हंसी, हास्य और सकारात्मकता के साथ हमारे जीवन को रोशन किया। वह हमें बहुत जल्द छोड़ कर चलें गए लेकिन वह वर्षों तक अपने समृद्ध काम की बदौलत अनगिनत लोगों के दिलों में जीवित रहेंगे। उनका निधन दुखद है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना’।
राजू श्रीवास्तव ने कॉमेडी के अलावा 2014 में राजनीति में भी अपनी एंट्री की थी। बता दें कि समाजवादी पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए राजू श्रीवास्तव को कानपुर से मैदान में उतारा था। लेकिन 11 मार्च 2014 को श्रीवास्तव ने यह कहते हुए टिकट वापस कर दिया कि उन्हें पार्टी की स्थानीय इकाइयों से पर्याप्त समर्थन नहीं मिल रहा है। वहीं, कॉमेडियन के निधन पर अखिलेश यादव ने भी राजू श्रीवास्तव के सपा में शामिल होने के दौर को याद करते हुए कहा, “मुझे याद है कि वो समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे और चुनाव लड़ना चाहते थे। वे बहुत ही साधारण व्यक्ति थे। वे जमीनी चीजों को जानते और पहचानते थे। वे जमीनी बातों को अपने टैलेंट के सहारे लोगों तक पहुंचा देते थे। उन्होंने अपना नाम रौशन किया और यश भारती से सम्मानित रहे, ऐसे लोग कभी-कभी हमारे बीच में आते हैं।”
राजू श्रीवास्तव 19 मार्च 2014 को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। जब बीजेपी की केंद्र में सरकार बनी तो स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत 2 अक्टूबर 2014 को हुई। इसके बाद पीएम मोदी ने श्रीवास्तव को स्वच्छ भारत अभियान के लिए नॉमिनेट किया था। राजू श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष के रूप में अभी कार्यरत थे। उन्हें साल 2019 में ये जिम्मेदारी मिली थी।
मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव बीते 41 दिनों से दिल्ली एम्स में भर्ती थे। 10 अगस्त को जिम में वर्कआउट करने के दौरान राजू श्रीवास्तव को हार्ट अटैक आया था। जिसके बाद उन्हें तुरंत दिल्ली के एम्स (AIIMS) में एडमिट करवाया गया।
उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने राजू श्रीवास्तव के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि, उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष के रूप में अपनी सराहनीय सेवा दिए थे। वे एक अच्छे कलाकार थे। जीवन भर अपनी पीड़ा को दबाते हुए बिना किसी भेदभाव के वे सब का मनोरंजन करते रहे। आज वे हमारे बीच में नहीं हैं।