Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
Russia Vs Ukraine: रूस ने शुरू की एटमी ड्रिल, पुतिन की मौजूदगी में लॉन्च

Russia Vs Ukraine: रूस ने शुरू की एटमी ड्रिल, पुतिन की मौजूदगी में लॉन्च हुई बैलेस्टिक मिसाइल, अलर्ट पर तीनों सेनाएं

रूस और यूक्रेन के बीच जंग अब भी जारी है। इस बीच कल यानी बुधवार को रूस ने एटमी ड्रिल शुरू की तो वहीं बैलेस्टिक मिसाइल भी लॉन्च की। जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की देखरेख में सब हुआ। वहीं रूस सरकार की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि प्रेसिडेंट पुतिन की लीडरशिप में बैलेस्टिक और क्रूज मिसाइल लॉन्चिंग हुई। ड्रिल को तकनीकी तौर पर स्ट्रैटेजिक डिटरेंस फोर्स कहा जाता है।

बता दें कि ये मिसाइल टेस्ट रूस के पूर्वी हिस्से में मौजूद कामचात्का में किए गए और एक्सरसाइज के दौरान रूस के नए और हाईटेक Tu-95 एयरक्राफ्ट इस्तेमाल किए गए। क्रेमलिन ने दावा किया है कि सभी मिसाइलों ने टारगेट हिट किए।

रूस का दावा

रूस के पास ऐसी इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल हैं जो दुनिया के किसी भी हिस्से तक पहुंच सकती हैं। साथ ही रूस के पास तमाम ऐसे फाइटर जेट्स और सबमरीन भी मौजूद हैं जो एटमी हमले कर सकते हैं।

जहां एक और अमेरिका ये दावा कर रहा है कि रूस की फौज यूक्रेन पर एटमी हमला कर सकती है। वहीं दूसरी तरफ रूस का ये दावा है कि अमेरिका और नाटो उस पर न्यूक्लियर अटैक की तैयारी में हैं।

‘निक्केई एशिया’ की एक रिपोर्ट की माने तो रूस ने बुधवार को अमेरिका को एटमी ड्रिल और मिसाइल लॉन्च करने की जानकारी दे दी थी। वहीं पेंटागन ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि रूस ने इसकी जानकारी पहले ही दे दी थी। ये एक रूटीन एक्सरसाइज है। जिसका मतलब हैं कि रूस आर्म्स कंट्रोल से जुड़ी शर्तें और ट्रांसपेरेंसी के वादे को पूरे कर रहा है।

शोइगु ने राजनाथ सिंह से की फोन पर बात

इसी बीच रूस के डिफेंस मिनिस्टर सर्गेई शोइगु ने भारत के डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह से फोन पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने डर्टी-बम और युद्ध से बिगड़ते हालातों सहित कई समस्याओं को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने बताया कि यूक्रेन खेरसॉन इलाके में डर्टी बम का इस्तेमाल कर सकता है। क्योंकि एक महीने पहले रूस ने जनमत संग्रह करवाकर इस इलाके को अपने कब्जे में ले लिया था। हालांकि भारत ने पूरे मामले को बातचीत से हल करने की बात कही है। वहीं आपको बता दें कि रूस ने अमेरिका, फ्रांस और यूके सहित कई देशों को डर्टी बम के इस्तेमाल को लेकर जानकारी दी है। हालांकि यूक्रेन सहित इन सभी देशों ने रूस के दावे को खारिज कर दिया है।

ध्यान भटकानेे की कोशिश कर रहा रूस

यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि हमारे खिलाफ अफवाहें फैलाई जा रही हैं। जबकि रूसी सेना खुद ही डर्टी बम का इस्तेमाल करना चाहती है। उनकी गतिविधियों पर किसी का ध्यान ना जाए इसलिए वह हम पर आरोप लगा रहा है।

डर्टी बम कितना प्रभावशाली है

आखिर डर्टी बम है क्या है आईए जानते है। इसे रेडियोलॉजिकल डिस्पर्सल डिवाइस कहा जाता है। इसमें डायरेक्ट रेडियो एक्टिव कंटेंट की जगह रेडियो एक्टिव वेस्ट यानी विकिरण फैलाने वाले कचरे का इस्तेमाल होता है। इससे लोगों के मारने का अधिक खतरा नहीं होता। लेकिन ये कैंसर सहित तमाम बीमारियां फैला सकते हैं। जबकि एटमी हथियारों से मीलों दूर तक तबाही होती है और चंद मिनट में ही लाखों लोग मारे जा सकते हैं। डर्टी बम इतना खतरनाक नहीं होता। आपको बता दें कि दुनिया में अभी तक एक बार भी डर्टी बम का इस्तेमाल नहीं किया गया है। लेकिन कई जगहों पर हमले की कोशिश की गई है।

कब-कब हुआ है डर्टी बम का इस्तेमाल

पहली बार 1996 में चेचेन्या के विद्रोहियों ने मॉस्को के इजमाइलोवो पार्क में इसका इस्तेमाल किया गया था। सुरक्षाबलों की मदद से इसका पता लगते ही बम को डिफ्यूज कर दिया गया।

इसके बाद 1998 में चेचेन्या में ही सुरक्षाबलों ने एक रेलवे लाइन के किनारे लगे डर्टी बम को डिफ्यूज किया।

फिर 2002 में अल-कायदा से संबंध रखने वाले अमेरिकी नागरिक होसे पाडीला को शिकागो में डर्टी बम से हमले की योजना बनाने के आरोप में अरेस्ट किया गया। जिसे 21 साल की सजा सुनाई गई।

इसके बाद 2004 में अल-कायदा से संबंध रखने वाले ब्रितानी नागरिक धीरेन बेरट को अमेरिका और ब्रिटेन में डर्टी बम से हमले की योजना बनाने के आरोप में अरेस्ट किया गया। जिन्हें 30 साल की सजा सुनाई गई।

Exit mobile version