प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन कर इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया है। नया संसद भवन कई खूबियों से लैस है और इसकी सुरक्षा का भी खास ध्यान रखा गया है। नए संसद भवन में आधुनिक सुरक्षा व्यवस्था को स्थापित किया गया है। बता दें कि सीसीटीवी कैमरे से लेकर थर्मल इमेजिंग सिस्टम, आई कार्ड, सिक्योरिटी ऑपरेटिंग सेंटर हर चीज को आधुनिक बनाया गया है।
मौजूदा संसद भवन पर 13 दिसंबर 2001 को बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 9 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। इनमें एक जवान दिल्ली पुलिस का भी था। तब से संसद के सुरक्षा बंदोबस्त को लगातार कड़ा किया गया। इन सबके मद्देनजर संसद की नई बिल्डिंग में सुरक्षा बंदोबस्त का खास ख्याल रखा गया है। नई इमारत में सुरक्षा के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी, आधुनिक हथियारों से लैस सुरक्षा बल, अग्नि शमन प्रणाली समेत कई इंतजाम किए गए हैं। नई संसद की सुरक्षा मौजूदा भवन के मुकाबले कई गुना बेहतर होगी। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो नई इमारत में कई ऐसा सुरक्षा बंदोबस्त होंगे, जो मौजूदा संसद में नहीं हैं।
सुरक्षा बंदोबस्त में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल
सुरक्षा की नई इमारत में थर्मल इमेंजिंग सिस्टम लगाया गया है। इससे संसद भवन परिसर में किसी भी तरह की घुसपैठ का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। इसके अलावा संसद भवन परिसर की निगराना के लिए फेस रिकग्निशन सिस्टम से लैस एडवांस सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। ये सीसीटीवी कैमरा 360 डिग्री रोटेट कर निगरानी रखेंगे। इससे संदिग्ध व्यक्ति के लिए परिसर में घुस पाना बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाएगा। संसद और भवन के अंदर मौजूद हर व्यक्ति की सुरक्षा के लिए तैनात सुरक्षा बलों कोआधुनिक हथियार और उपकरण मुहैया कराए जाएंगे।
बैरियर्स, बाड़ और चौकियों पर हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षा बलों की तैनाती
वहीं संसद भवन परिसर में किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को रोकने और किसी भी अनहोनी को माकाम करने के लिए कई स्तर के सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं। इनमें बैरियर्स, बाड़ और चौकियों पर आधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस सुरक्षा बलों की तैनाती होगी। नए भवन के सुरक्षा बंदोबस्त में इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि अगर संसद पर आतंकी हमला, बम धमाका या किसी दूसरी तरह से हमला किया जाए तो किसी भी सांसद, कर्मचारी या दूसरे लोगों को कोई नुकसान ना हो।
साइबर सिक्योरिटी का किया गया है पुख्ता इंतजाम
वहीं नए संसद भवन में साइबर सुरक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके लिए दो अलग- अलग सिक्योरिटी ऑपरेटिंग सेंटर स्थापित होंगे। इनमें एक इंटरनेट-एकीकृत नेटवर्क के लिए और दूसरा एयरगैप्ड नेटवर्क के लिए होगा। एक सुरक्षा संचालन केंद्र का उद्देश्य साइबर खतरों से बटाना है। एसओसी के विश्लेषक इसके नेटवर्क की चौबीसों घंटे निगरानी करेंगे और किसी भी संभावित सुरक्षा घटनाओं की जांच करेंगे। एसओसी संचालन नए संसद भवन में वाईफाई पर 2,500 इंटरनेट नोड्स, 1,500 एयरगैप्ड नोड्स और 2,000 उपकरणों की नेटवर्क गतिविधि की निगरानी करेगा।